स्पेनिश फ्लू के दौर से गुजरकर कैंसर को हराने वाली 102 साल की महिला ने कोविड-19 को दी दो बार मात
एंजेलिना फ्रीडमैन न्यूयॉर्क के मोहेगन लेक में एक नर्सिंग होम में रहती हैं. फ्रीडमैन एक कैंसर सर्वाइवर भी हैं. मार्च में पहली बार उनका कोविड -19 टेस्ट पॉजिटिव आया था.
न्यूयॉर्क: कोरोना से बुरी प्रभावित अमेरिका से एक उम्मीद बांधने वाली खबर आई है. न्यूयॉर्क की 102 वर्ष की एक बुजुर्ग महिला को दो बार कोरोना हुआ लेकिन दोनों बार इस महिला ने कोविड-19 को मात दे दी. एंजेलिना फ्रीडमैन न्यूयॉर्क के मोहेगन लेक में एक नर्सिंग होम में रहती हैं. फ्रीडमैन एक कैंसर सर्वाइवर भी हैं. मार्च में पहली बार उनका कोविड -19 टेस्ट पॉजिटिव आया था. उनकी बेटी जोआन मेरोला ने बताया कि वह पहली बार में वास्तव में कभी भी रोग के लक्षण नहीं दिखे. उनका सबसे खराब लक्षण बुखार था जो शायद 10 दिनों तक रहा.
अक्टूबर में दोबारा हुई कोरोना फ्रीडमैन ने लोकल अस्पताल में एक सप्ताह बिताया और इसके बाद वापस उन्हें उनके नर्सिंग होम में भेज दिया गया. वह वहां 20 अप्रैल तक आइसोलेशन में रहीं, जब उनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया. लेकिन अक्टूबर में उनके 102वें जन्मदिन से कुछ ही दिन पहले फ्रीडमैन दोबारा कोरोना वायरस से सक्रमित हो गईं लेकिन इस बार वह गंभीर रूप से घायल हुईं. जोआन मेरोला ने कहा कि उन्हें कफ था, वह बहुत सुस्त रहने लगीं थी और उन्हें दोबारा बुखार आया. वह नवंबर में अस्पताल से घर लौटीं जब एक बार फिर उनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया.
1918 में हुआ था जन्म फ्रीडमैन का जन्म 1918 में इटली से न्यूयॉर्क शहर के लिए प्रवासियों को ले जा रहे एक यात्री जहाज पर हुआ था. स्पेनिश फ़्लू महामारी के बीच उसकी मां ने उसे जन्म देते होगा. बता दें स्पेनिश फ्लू ने दुनियाभर में 50 मिलियन से अधिक लोगों की जान ली थीं.
"मेरी माँ अपने जीवन में बहुत कुछ कर चुकी है," सुश्री मेरोला ने अपनी माँ के बारे में कहा, जिसने 10 भाई-बहनों और उसके पति को पछाड़ दिया है. "आप बस हार नहीं मान सकते. आपको लड़ना होगा. मेरी मां को जिंदा रहने की इच्छाशक्ति मिली है जैसा मैंने पहले कभी नहीं देखा."
मेरोला ने कहा मेरी मां ने अपने जीवन में बहुत कुछ देखा है. वह अपने 10 भाई-बहनों और पति से ज्यादा लंबी जिंदगी जी चुकी है. आप हार नहीं सकते, आपको लड़ना ही होगा. मैंने अपनी मां जीवित रहने की जितनी इच्छाशक्ति देखी वैसी किसी और में नहीं देखी.
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