जिनेवा: रूस और यूक्रेन के जारी जंग के बीच संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी रूस में दमन बढ़ने की आशंका जता रहे हैं. यूएन के एक शीर्ष अधिकारी ने चेतावनी दी है कि सशस्त्र बलों के बारे में कथित फर्जी सूचना फैलाने पर कड़ी सजा का प्रावधान करने वाला एक नया रूसी कानून रूस में दमनकारी कानून के बारे में चिंता बढ़ा रहा है.


मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशलेट ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ (रूसी सैन्य कार्रवाई) सहित जन नीतियों के बारे में चर्चा या आलोचना की गुंजाइश घटाई जा रही है. उन्होंने कहा कि करीब 12,700 लोगों को युद्ध विरोधी शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने को लेकर मनमाने तौर पर गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही, इस बात का जिक्र किया कि मीडिया को सिर्फ आधिकारिक सूचना एवं सदर्भ का उपयोग करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वह दमनकारी और अस्पष्ट विधान को लेकर चिंतित हैं.


उल्लेखनीय है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को नये विधान पर हस्ताक्षर किए, जो 15 साल तक की कैद की सजा का प्रावधान करता है. इसके चलते कुछ विदेशी मीडिया ने रूस के भीतर अपना कामकाज बंद कर दिया है.


20 लाख लोगों ने छोड़ा यूक्रेन
इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा कि रूस द्वारा हमला शुरू करने के बाद से 20 लाख से अधिक लोगों ने यूक्रेन छोड़ दिया है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी प्रमुख फिलिपो ग्रांडी ने एक ट्वीट में कहा, "आज यूक्रेन से शरणार्थियों की संख्या 20 लाख लोगों तक पहुंच गई है." संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर ने कहा कि 24 फरवरी से अब तक 2,011,312 लोग युद्धग्रस्त देश छोड़कर पड़ोसी देशों में चले गए हैं.


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