UNHRC On Ukraine: संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने कहा है कि इस साल 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला होने के बाद से अब तक 1 करोड़ 40 लाख लोग अपने घरों से जबरन विस्थापित हो चुके हैं. बुधवार को सुरक्षा परिषद को एक ब्रीफिंग में, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी प्रमुख ने कहा, "यूक्रेन पर रूसी हमले ने दशकों में सबसे तेज और सबसे बड़ा विस्थापन देखा है. 24 फरवरी से लगभग 1 करोड़ 40 लाख लोगों को अपने घरों से बाहर जाने पर मजबूर किया गया है."
फिलिपो ग्रांडी ने चेतावनी दी कि यूक्रेन के लोग बेहद ही कठिन परिस्थितियों का सामना करने वाले हैं. इस संवेदनहीन युद्ध को खत्म करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि, मानवीय संगठनों ने अपनी प्रतिक्रियाओं ने इजाफा किया है लेकिन इसे खत्म करने के लिए बहुत कुछ करना बाकी है. यूक्रेन में युद्ध जारी है, नागरिक बुनियादी ढांचे पर हमले की वजह से होने वाली तबाही पर प्रतिक्रिया तो दी जा रही है लेकिन ये समुद्र में एक बूंद के बराबर है.
यूएनएचआरसी ध्यान विस्थापित लोगों की मदद पर
फिलिपो ग्रांडी ने कहा है कि यूएनएचआरसी का ध्यान यूक्रेन में विस्थापित लोगों की मदद करने पर है, वो सरकार के सक्षम नेतृत्व में काम कर रहे हैं. पड़ोसी देश मोल्दोवा को विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमने यूरोपीय संघ में भी अच्छी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं, जिनमें प्रतिबंध भी शामिल हैं. कुछ नेताओं ने गलत बयानबाजी भी की कि यूरोप भरा हुआ है और रिफ्यूजियों के लिए कोई राजनीतिक समर्थन नहीं है. ऐसे बयानों पर यूपीय संघ ने अच्छी प्रतिक्रिया दी है.
यूक्रेन संकट पर यूएनएचआरसी
यूक्रेन में संकट के लिए यूएनएचआरसी की प्रतिक्रिया पर, ग्रैंडी ने कहा कि वे विभिन्न संभावित परिदृश्यों और मानवीय सहायता के दायरे और सीमाओं को ध्यान में रखते हुए, यूक्रेन के अंदर और बाहर, जनसंख्या आंदोलनों के लिए उच्च स्तर की तैयारी किए हुए हैं. पिछले 12 महीनों में अकेले अफगानिस्तान, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, म्यांमार और सीरिया जैसे देशों में दुनिया भर में 37 आपात स्थितियों का जवाब दिया है.
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