वैश्विक स्तर पर खाद्य उत्पादन का 17 फीसद बर्बाद हो जाता है, संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट का अनुमान
भोजन की ज्यादातार बर्बादी या 61 फीसद घरों में होता है. खुदरा विक्रेताओं की तरफ से बर्बादी में योगदान 13 फीसद है. संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट में भोजन की बर्बादी पर चौंकानेवाला खुलासा किया गया है. बर्बादी का ये आंकड़ा पूर्व के अनुमानित रिपोर्ट से बहुत ज्यादा है.
संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि दुनिया में खाद्य उत्पादन का 17 फीसद हर साल बर्बाद हो जाता है. भोजन की बर्बादी का ये आंकड़ा 931 मिलियन मैट्रिक टन है. ये बर्बादी पूर्व की रिपोर्ट से बहुत ज्यादा है, हालांकि माप के विभिन्न तरीकों और कई देशों के मजबूत डेटा की कमी के कारण प्रत्यक्ष तुलना करना मुश्किल है.
संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट ने भोजन की बर्बादी पर किया खुलासा
संयुक्त राष्ट्र संघ ने पाया कि 61 फीसद भोजन की बर्बादी घरों में होती है, जबकि खाद्य सेवा में बर्बादी का योगदान 26 फीसद है और फुटकर विक्रेताओं की तरफ से 13 फीसद बर्बाद होता है. संयुक्त राष्ट्र संघ वैश्विक स्तर पर भोजन की बर्बादी को कम करने पर जोर दे रहा है, शोधकर्ता भी बर्बादी का मूल्यांकन करने पर काम कर रहे हैं जिसमें उपभोक्ता तक पहुंचने से पहले खोया हुआ भोजन शामिल है.
संयुक्त राष्ट्र संघ के पर्यावरण कार्यक्रम और रिपोर्ट के सह लेखक क्लेमेंटीने कोनोर कहते हैं, "बहुत सारे देश अपने भोजन की बर्बादी का अब तक मात्रा निर्धारित नहीं कर पाए हैं. इसलिए उन्हें समस्या के पैमाने की समझ नहीं है." भोजन की बर्बादी पर रिसर्च करने वाले ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के ब्रायन रो ने बताया कि उन्नत माप से उन्नत प्रबंधन किया जा सकता है. ब्रायन रो रिपोर्ट तैयार करनेवाली टीम में शामिल नहीं थे.
दुनिया में खाद्य उत्पादन का 17 फीसद हर साल बर्बाद हो जाता है भोजन की बर्बादी की समस्या ने विशेषज्ञों की चिंता को बढ़ा दिया है. कॉर्नेल विश्वविद्यालय में कृषि अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ क्रिस बैरेट कहते हैं,"बर्बादी का पता लगाने में उन्नत ट्रैकिंग व्यवस्था समस्या को कम करने के तरीके खोजने के लिए बुनियाद है." मिसाल के तौर पर, लोग भोजन को प्रोडक्ट पर तारीख के कारण फेंक देते हैं, हालांकि उस तारीख हमेशा ये नहीं बताती कि भोजन कब खाने के लिए असुरक्षित है. उन्होंने बताया, "भोजन की बर्बादी संवेदनशील फैसले का नतीजा है."
इसके अलावा, खाने के अयोग्य रद्दी माल को हटाकर खाद या जानवरों के चारे के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए. रिपोर्ट से ये भी पता चला है कि घरों में भोजन की बर्बादी अमीर देशों जैसे अमेरिका और ब्रिटेन तक सीमित नहीं है बल्कि गरीब मुल्कों में खाना बिना भरोसेमंद घरेलू फ्रिज के भी बर्बाद हो जाता है. अमीर देशों में लोग अधिक बाहर खा सकते हैं, इसका मतलब हुआ है कि भोजन की बर्बादी घर से स्थानांतिरत होकर रेस्टोरेंट तक पहुंच रही है. शोधकर्ताओं का सुझाव है कि घरों में बर्बादी को कम करने में मदद करने के लिए व्यापक प्रणाली में परिवर्तन की जरूरत है. वैश्विक सतह पर भोजन की बर्बादी के पैमाने के बारे में जागरुकता लोगों का रुझान बदलने में मदद कर सकता है.
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