खारकीव छोड़ रूस की तरफ निकले 1700 भारतीय छात्र, जानें क्या है वजह
भारतीय दूतावास द्वारा खारकीव से भारतीयों को तत्काल निकलने के निर्देश के बाद मेडिकल स्टूडेंट अमित और सुमन सहित लगभग 1700 छात्र पैदल रूस की दिशा में निकले हुए हैं.
यूक्रेन में जंग के बीच फंसे एक 21 साल के भारतीय छात्र नवीन की मौत हो गई है. नवीन कर्नाटक के हावेरी जिले का रहने वाला था. नवीन के गांव के 2 और छात्र अमित और सुमन भी यूक्रेन के खारकीव में पढ़ते थे. यह तीनों हावेरी जिले के एक ही गांव के रहने वाले हैं. भारतीय दूतावास द्वारा खारकीव से भारतीयों को तत्काल निकलने के निर्देश के बाद मेडिकल स्टूडेंट अमित और सुमन सहित लगभग 1700 छात्र पैदल रूस की दिशा में निकले हुए हैं.
यूक्रेन से निकलने वाले अधिकतर छात्र पोलैंड और रोमानिया के बॉर्डर की ओर जा रहे हैं और वहां से भारत सरकार ऑपरेशन गंगा के तहत उन्हें निकाल रही है. हालांकि, खारकीव इलाके में फंसे भारतीय 1200 से अधिक किलोमीटर की दूरी तय कर पोलैंड या रोमानिया बॉर्डर नहीं जा सकते. ट्रेनों में प्राथमिकता पहले यूक्रेन के नागरिकों को दी जा रही है.
1700 छात्र तिरंगा लेकर रूस के बॉर्डर की ओर बढ़ रहे
खारकीव में युद्ध के हालातों के बीच फंसे छात्र रूस की दिशा में निकले हुए हैं. लगभग 1700 छात्र तिरंगा लेकर रूस के बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं. इन छात्रों ने अपना सामान सड़कों पर छोड़ दिया है. बिना खाए पिये यह पैदल चलकर लगभग 40 किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं. युद्ध में मृत भारतीय नवीन के गांव के दोनों छात्र अमित और सुमन ने बीती रात अपने परिवार को बताया कि उन्होंने 20 किलोमीटर की दूरी तय कर एक स्कूल में अपनी रात गुजारी है. उनके पास खाने-पीने के सामान नहीं बचे हैं. 20 किलोमीटर और चलकर अगर वह उस तक पहुंच जाते हैं तो रूस की मदद से वह उन्हें रेस्क्यू किया जा सकता है.
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