वॉशिंगटन: अमेरिका के 18 राज्यों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा दायर किया है. अमेरिका की ऑटो फ्लीट (कार कंपनियों) के लिए ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के नियमों पर फिर से विचार करने के खिलाफ ये कानूनी लड़ाई शुरू की गई है. राज्यों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रयासों में से एक को लेकर लाए जाने वाले नए नियमों के खिलाफ भी ये लड़ाई शुरू की है. आरोप है कि ट्रंप प्रशासन ओबामा के जलवायु परिवर्तन से जुड़े प्रयासों पर पानी फेरने की कोशिश में है.


अप्रैल में पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) के एडमिनिस्ट्रेटर स्कॉट प्रुइट ने कहा था कि वो ओबामा के समय के नियमों की फिर से समीक्षा करेंगे. इसका उद्देश्य 2025 तक 50 मील प्रति गैलन की दक्षता (capacity) तक स्वच्छ गैस से जुड़ी आवश्यकताओं को बढ़ाना है जिससे कार्बन उतसर्जन कम किया जा सके.


प्रुइट की एजेंसी ने कहा कि यह मानक 'पुरानी जानकारी पर आधारित' है और नया आंकड़ा बताता है कि 'ये मानक बहुत कठोर हो सकते हैं.' वहीं, मुकदमे में राज्यों का तर्क है कि ईपीए ने ग्रीनहाउस गैस नियमों में 'मनमाने ढंग' से बदलाव किया है.


कैलिफोर्निया के गवर्नर जेरी ब्राउन (डी) ने अदालत में दायर की गई याचिका में कहा, "राज्यों का यह समूह गैस को बढ़ावा देने और ज़हरीली वायु प्रदूषण को रोकने के लिए राष्ट्र के स्वच्छ कार मानकों की रक्षा करेगा."


अमेरिका में कारों और हल्के ट्रकों से जुड़े जलवायु नीति पर बड़े टकराव के बीच ये मुकदमे किए गए हैं. ट्रंप प्रशासन ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जो ओबामा प्रशासन में तय किए गए क्लीन कार रूल के स्टैंडर्ड में बदलाव कर 2021 तक फेडरल स्टैंडर्ड को तय कर देगा.