काबुल: अफगानिस्तान में चल रहे संघर्ष की वजह से पिछले साल 900 से अधिक बच्चे मारे गए. अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि साल 2016 में बच्चों के मारे जाने के आंकड़े में उससे पिछले साल के मुकाबला करीब 25 फीसदी की वृद्धि हुई.

उसने 2016 को बच्चों के लिए सबसे हिंसक साल करार दिया. संयुक्त राष्ट्र मिशन ने कहा कि 2016 में 3,498 लोग मारे गए जिनमें 923 बच्चे शामिल थे. पिछले साल 7,920 लोग घायल हो गए.

बताते चलें कि 9/11 के हमलों के बाद अमेरिका ने वॉर ऑन टेररिज़म के नाम पर अफगानिस्तान में हमला किया. इस हमले में अमेरिका को ब्रिटेन का भी सहियोग हासिल था. अमेरिका ने देश और दुनिया को ये हवाला दिया था कि वो नहीं चाहता कि अफगानिस्तान में तालिबान की सहायता से अलकायदा फले-फूल और इन्हें जड़ से उखाड़ने और ओसामा की तलाश में अमेरिका ने ये युद्ध 2001 से 2014 तक जारी रखा.

बावजूद इतने लंबे अंतराल के अमेरिका तालिबान को कमज़ोर करने में नाकाम रहा, वहीं लादेन भी अफगानिस्तान की जगह पाकिस्तान में मारा गया. अमेरिका का तालिबान और अलकायदा को जड़ से मिटाने का मिशन तो अधूरा रह गया लेकिन इन सब में मानवाधिकार का घोर उल्लंघन हुआ है.