2+2 वार्ता दोनों देशों के बीच मजबूत होती रणनीतिक साझेदारी का संकेत: अमेरिका
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री जिम मैटिस इस 2+2 वार्ता के लिए नई दिल्ली आएंगे. इसे लेकर ट्रंप प्रशासन का कहना है कि अगले सप्ताह नई दिल्ली में होने वाली पहली भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता दोनों देशों के बीच मजबूत होती रणनीतिक साझेदारी का संकेत है.
वॉशिंगटन: ट्रंप प्रशासन का कहना है कि अगले सप्ताह नई दिल्ली में होने वाली पहली भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता दोनों देशों के बीच मजबूत होती रणनीतिक साझेदारी का संकेत है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री जिम मैटिस इस 2+2 वार्ता के लिए नई दिल्ली आएंगे.
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने कल कहा कि दोनों मंत्री अपने भारतीय समकक्षों विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलेंगे. वो लोग महत्वपूर्ण राजनयिक और सुरक्षा प्राथमिकताओं पर भारत के साथ अमेरिका की भागीदारी बढ़ाने को लेकर चर्चा करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘वार्ता हमारे दोनों देशों के बीच गहन रणनीतिक साझेदारी और क्षेत्र में ठोस सुरक्षा देने वाले के रूप में भारत के उदय का संकेत है.’’ नोर्ट ने कहा कि अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी का महत्व अमेरिकी राष्ट्रपति की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति और दक्षिण एशिया एवं भारत-प्रशांत रणनीतियों में उजागर किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे लेकर आशान्वित हैं और आपमें से कुछ लोग हमारे साथ यात्रा करेंगे.’’
क्या है 2+2 वार्ता इस नई वार्ता प्रारुप पर जून, 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों पक्षों में सहमति बनी थी. दोनों देशों ने कई बार इस वार्ता का कार्यक्रम तय करने का प्रयास किया एवं कई तारीखों पर विचार भी हुआ. इसी साल पहले भी 2+2 वार्ता पोम्पिओ की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नये विदेश मंत्री के रुप में पुष्टि में अनिश्चितता को लेकर स्थगित हुई थी. पोम्पिओ के नाम की पुष्टि बाद में अप्रैल में हुई.
इस वार्ता को दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को ऊंचा उठाने के एक माध्यम के रुप में देखा जा रहा है. बैठक के रणनीतिक, सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूती प्रदान करने पर केंद्रित होने की उम्मीद थी.
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