न्यूयॉर्क: अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा है कि रूसी मिसाइल सिस्टम खरीद की भारत की योजना या उसके ईरान के साथ संबंध 2 प्लस 2 सामरिक वार्ता में प्रमुख मुद्दे नहीं होंगे. विदेश मंत्री पोंपियो और रक्षा मंत्री जिम मैटिस इस सप्ताह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात करेंगे. भारत को एक 'उचित सामरिक साझेदार' बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत में होने वाली बैठक वास्तव में बड़ी और सामरिक चीजों के बारे में हैं और यह 20, 40, 50 सालों तक जारी रहेगी. उन्होंने आगे कहा, "रक्षा मंत्री मैटिस और मैंने जिन विषयों पर चर्चा की है, उनके हल होने की उम्मीद है."
विदेश विभाग की तरफ दी गई एक रिलीज़ के अनुसार, उन्होंने कहा, "हमारे पास एक सही सामरिक साझेदार है, जो साफ तौर से हमारा एकमात्र प्रमुख रक्षा साझेदार है जिसके साथ हमारे प्रमुख संबंध हैं और वो हमारे भारत-प्रशांत सामरिक क्षेत्र में सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है."
उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि हम न सिर्फ कूटनीतिक और आपसी सैन्य क्षेत्र के संबंधों को विस्तार दे सकते हैं, बल्कि व्यापार क्षेत्र में बेहतर संबंध बना सकते हैं." उन्होंने कहा, "एजेंडे में आधा दर्जन मुद्दे ऐसे हैं, जिन पर हम वास्तव में प्रगति चाहते हैं."
दो बार स्थगित हुई वार्ता
2 प्लस 2 सामरिक वार्ता अमेरिका के आग्रह पर दो बार स्थगित हो चुकी है. पहली बार इसे अप्रैल में विदेश विभाग का नेतृत्व रेक्स टिलरसन से पोंपियो को सौंपने के दौरान स्थगित किया गया था. उन्होंने कहा, "जुलाई में दूसरी बार मुझसे हुई गलती पर मुझे खेद है."
उन्होंने कहा कि ट्रंप ने अचानक उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ एक शिखर सम्मेलन तय कर दिया और मुझे उत्तर कोरिया की यात्रा करनी पड़ी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप ने 2017 में वॉशिंगटन में अपनी मुलाकात के दौरान सामरिक वार्ता का निर्णय लिया था.
ईरान और रूस नहीं होंगे प्रमुख मुद्दे
अमेरिका अब इस क्षेत्र को भारत-प्रशांत क्षेत्र के तौर पर बुलाता है और इसे प्रशांत सैन्य कमान का नया नाम दिया है. पोंपियो ने कहा कि इस हफ्ते होने वाली बैठक में ईरान और रूस की मिसाइल लॉन्च सिस्टम खरीद चर्चा का विषय रहेंगे, लेकिन मैं नहीं मानता कि वो हमारे प्रमुख मुद्दे होंगे, जिसे हम पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से वो निर्णय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन मैं इस सामरिक बातचीत के दौरान बैठकों में उनके हल होने की उम्मीद नहीं करता हूं."
आपको बता दें कि भारत, रूस से पांच हाई एंड एस-400 ट्रायंफ हवाई रक्षा प्रक्षेपास्त्र प्रणाली खरीदने की योजना बना रहा है. इस सौदे की अनुमानित लागत 40,000 करोड़ रुपये है. ट्रंप की धमकियों के बावजूद भारत पर ईरान से तेल खरीदना जारी रखने की भी योजना बना रहा है.
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