नई दिल्ली: पाकिस्तान आतंकवाद को लेकर पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो चुका है. 26/11 हमले के 12 साल बाद पाकिस्तान ने अपने सबसे बड़े गुनाह का कबूलनामा दुनिया के सामने किया है. पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी यानि FIA ने ये माना है कि जिस मुंबई हमले में 150 से ज्यादा बेगुनाहों को आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया था, उसके साज़िशकर्ता पाकिस्तान में पल रहे हैं.


FIA ने बुधवार को 880 पन्नो की मोस्ट वांटेड अपराधियों की एक लिस्ट जारी की है, जिसमें 1210 हाई प्रोफाइल और देश के सबसे मोस्ट वांटेड आतंकवादियों के नाम हैं. इसमें भारत के वो 11 गुनहगार भी हैं, जिन्होंने मुंबई हमलों की पटकथा लिखी थी.


पाकिस्तान ने कबूला सबसे बड़ा गुनाह


इस लिस्ट में सबसे ऊपर है मुल्तान का रहने वाला मोहम्मद अमजद खान, जिसने समुद्र के रास्ते आतंकियों की घुसपैठ के लिए नाव खरीदी थी. अमजद ने ही कराची से लाइफ जैकेट और नया मोटर बोट भी खरीदा था. इसके नाम के साथ ही पाकिस्तान ने माना है कि बहावलपुर का रहने वाला शाहिद गफूर घुसपैठ में इस्तेमाल नाव का कैप्टन था. घुसपैठ में इस्तेमाल हुई नाव में आतंकियों के कुछ और मददगार भी थे.जिनके नामों को पहली बार पाकिस्तान ने दुनिया के सामने उजागर किया है.


इन नामों में साहिवाल जिले का मोहम्मद उस्मान, लाहौर का अतीक-उर-रहमान, हाफिजाबाद इलाके का रियाज अहमद, गुजरांवाला जिले का मुहम्मद मुश्ताक, सरगोधा जिले का अब्दुल शकूर, मुल्तान का मुहम्मद शाबिर, लोधरान जिले का मोहम्मद उस्मान और शकील अहमद है.


बता दें कि मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान ने दिखावे के लिए अपने देश में कुछ आतंकियों पर कार्रवाई तो की थी लेकिन आधिकारिक रूप से इस बात को मानने से इनकार करता रहा कि आतंकी उसी ने भेजे थे. पाकिस्तान के मौजूदा विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी मुंबई हमले के वक्त भी पाकिस्तान के विदेश मंत्री थे लेकिन तब वो और उनकी सरकार आतंकियों पर कार्रवाई की जगह बातचीत की वकालत करते थे.


बता दें कि इस वक्त पाकिस्तान FATF की ग्रे-लिस्ट में है और इस बार बड़ी मुश्किल से ब्लैक लिस्ट होने से बचा है. आतंकियों की फंडिंग रोकने और उन पर सख्त कार्रवाई करने का दबाव पाकिस्तान पर बहुत ज्यादा है और इसीलिए आतंकियों के नामों का खुलासा करना इमरान सरकार की मजबूरी बन गया है.