वॉशिंगटन/नई दिल्ली: एक समय पाकिस्तान के सबसे बड़े सहयोगी रहे अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति ने भारत पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमले को लेकर अपना मज़बूत समर्थन जाताया है. अपने ताज़ा ट्वीट में विश्व शक्ति अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा है कि 26/11 हमलों से जुड़ी न्याय की मांग पर अमेरिका भारत के लोगों के साथ खड़ा है.


ट्रंप लिखते हैं, "मुंबई हमले की 10वीं बरसी पर भारत के लोगों की न्याय की तलाश के साथ अमेरिका खड़ा है." उन्होंने आगे लिखा कि हमले में 166 लोग मारे गए थे जिनमें छह अमेरिकी भी शामिल थे. ट्रंप ने लिखा है कि हम आंतकियों को कभी जीतने तो क्या जीतने के करीब भी नहीं आने देंगे.






कभी ना रुकने वाले शहर मुंबई को 10 साल पहले हुए आतंकी हमले ने कैद कर लिया था. 10 साल बाद मुंबई पहले जैसी ही है लेकिन उसके जख्म हरे हैं क्योंकि हमले के 10 साल बाद भी मास्टर माइंड हाफिज सईद और जकीउर्रहमान लखवी आज भी पाकिस्तान में खुले घुम रहे हैं.


26/11 की बरसी पर अमेरिका का एक और बड़ा बयान
मुंबई हमले की 10वीं बरसी पर ट्रंप के बयान से पर अमेरिका की तरफ से एक औप बड़ा बयान आया. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा, ''हमले के दोषियों का अब तक न पकड़ा जाना अपनों को खोने वालों का अपमान है. सभी देशों और खासकर पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव के तहत वो इस हमले के दोषियों को सजा दिलवाए.''





मुंबई आतंकी हमले के गुनहगारों पर अमेरिका ने बढ़ाया इनाम भी बढ़ा दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्री ने एलान किया, ''26/11 हमले की साजिश से जुड़े हाफिज सईद, जकीउर्रहमान लखवी को पकड़वाने पर 50 लाख डॉलर यानी करीब 35 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा.''


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