Philippines: फिलीपींस में प्रतिबंधित सिख अलगाववादी समूह के संदिग्ध सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. इस बात की जानकारी फिलीपींस की एक सरकारी एजेंसी ने दी. एजेंसी के अनुसार, तीन भारतीय नागरिकों को इलोइलो शहर के एक अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया है. तीनों के पास फर्जी पासपोर्ट मिले हैं, संदिग्ध युवकों को सेना की हिरासत में रखा गया है
फिलिपींस की समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन, साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन एंड कोऑर्डिनेटिंग सेंटर (सीआईसीसी) और मिलिट्री इंटेलिजेंस ग्रुप के एक संयुक्त अभियान में संदिग्ध सदस्यों को गिरफ्तार किया गया. सीआईसीसी के कार्यकारी निदेशक अलेक्जेंडर रामोस ने इस मामले को लेकर कहा कि बेहद सतर्कता के साथ इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है.
आतंकियों के लिए देश में कोई जगह नहीं
रामोस ने बताया कि कार्रवाई के दौरान खालिस्तानी समूह के सदस्यों ने हमला करने का प्रयास किया. लेकिन वे अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाए. उन्होंने आगे कहा कि देश के राष्ट्रपति का स्पष्ट आदेश है कि विदेशी आतंकवादियों को देश में पनाह नहीं मिलनी चाहिए. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तीनों संदिग्धों को फिलीपीन सेना की कस्टडी में रखा गया है.
केटीएफ से ताल्लुक रखते हैं गिरफ्तार युवक
संदिग्धों की पहचान मनप्रीत सिंह (23 वर्ष) अमृतपाल सिंह (24 वर्ष) और अर्शदीप सिंह (26 वर्ष) के रूप में हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीनों प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) से ताल्लुक रखते हैं. समाचार एजेंसी के अनुसार, तीनों ने नकली पासपोर्ट का उपयोग कर देश में प्रवेश किया और इंटरपोल रेड नोटिस वॉचलिस्ट पर भी हैं.
क्या है केटीएफ
खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) नामक यह एक उग्रवादी संगठन है, जिसका मकसद पंजाब में दोबारा आतंकवाद फैलाना है. यह संगठन हाल के दिनों में बेहद सक्रिय है. केटीएफ मुख्य रूप से पंजाब में टारगेटेड हत्याओं सहित विभिन्न आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता है.
गौरतलब है कि हाल के दिनों में वारिस पंजाब दे प्रमुख और कट्टरपंथी भगोड़ा खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है. वह लगातार पुलिस को चकमा दे रहा है. अभी सोमवार को ही खालिस्तानी समर्थकों ने अमृतपाल सिंह के समर्थन में रैली निकाली थी.
कई देशों में फैला है खालिस्तानियों का नेटवर्क
इसके साथ ही अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, फिलीपींस और मलेशिया जैसे देशों में खालिस्तानी समर्थकों की सक्रिय उपस्थिति है. इसके साथ ही खालिस्तानियों को बाकायदा फंडिंग मिलती है. एक रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर फंडिंग ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और जर्मनी से की गई है.