अगरतला: त्रिपुरा में बांग्लादेश से सटी सीमा पर कांटेदार बाड़ के पीछे ‘नो मेंस लैंड’ पर शुक्रवार से 31 रोहिंग्या मुसलमान फंसे हुए हैं, जबकि दोनों देशों के सीमा गार्डों के बीच उन्हें लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. ‘नो मेंस लैंड’ दो मुल्कों की सरहद के बीच एक ऐसी जगह होती है जिस पर दोनों में से किसी का अधिकार नहीं होता है.
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों ने बताया कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने छह पुरुषों, नौ महिलाओं और 16 बच्चों को पकड़ा है. वो पश्चिम त्रिपुरा जिले में रायरमुरा में बाड़ के पीछे हैं. बीजीबी ने कहा है कि रोहिंग्या मुसलमान भारत से आए हैं जबकि बीएसएफ ने इस दावे से इनकार किया है. दोनों पक्ष शनिवार से दो बार मिल चुके हैं लेकिन मामले को सुलझाने में नाकाम रहे.
बीएसएफ के उपमहानिरीक्षक सीएल बेलवा ने कहा, ‘‘वो पिछले 48 घंटे से अंतरराष्ट्रीय सीमा और कांटेदार बाड़ के बीच फंसे हुए हैं. उन्होंने बांग्लादेश से भारत में आने की कोशिश की लेकिन हमने उन्हें रोक दिया है.’’ डीआईजी ने कहा, ‘‘हम कल रात से अपने संसाधनों में से रोहिंग्याओं को मानवीय आधार पर पानी और अन्य बुनियादी जरूरत की चीज़े दे रहे हैं.’’ बांग्लादेश के दावे को खारिज करते हुए बेलवा ने कहा कि भारत की तरफ बाड़ को काटने का कोई निशान नहीं है.
1300 रोहिग्या को वापस भेजा गया
आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत से कम से कम 1300 रोहिंग्या मुसलमान भारत से बांग्लादेश पहुंचे हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. म्यांमार में सेना पर रोहिंग्या मुसलमानों पर ज्यादती का आरोप लगने के बावजूद हाल के हफ्तों में उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को म्यांमार भेजने के लिए नई दिल्ली को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा है.
संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार समूहों ने भारत पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया. इंटर सेक्टर कोआर्डिनेशन ग्रुप (आईएससीजी) की प्रवक्ता एन बोस ने एएफपी से कहा कि तीन जनवरी से रोहिंग्याओं के आने की गति तेज हुई है. आज की तारीख तक 300 परिवारों के करीब 1300 लोग भारत से बांग्लादेश आ चुके हैं.
इंटर सेक्टर कोऑर्डिनेशन ग्रुप (आईएससीजी) में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां और अन्य विदेशी मानवीय संगठन शामिल हैं. उन्होंने बताया कि नए आए लोगों को संयुक्त राष्ट्र ट्रांजिट केंद्र में रखा गया है. यूएनएचसीआर के प्रवक्ता फिरास अल खतीब ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी को स्थिति के बारे में जानकारी है.
सीमा पार करके बांग्लादेश आए लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और कॉक्स बाजार भेज दिया. कॉक्स बाजार बांग्लादेश के दक्षिण का एक जिला है जहां दुनिया का सबसे बड़ा शरणार्थी शिविर है.
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