कोरोना वायरस के सामने आए एक ‘नए प्रकार’ से बढ़ी चिंताओं के बीच सरकार ने भी ब्रिटेन से आने-जाने वाली उड़ानों को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है. वहीं, एक सर्वेक्षण में 50 प्रतिशत लोग अन्य देशों के साथ भी विशेष उड़ान समझौते (एयर बबल पैक्ट) को निलंबित करने के पक्ष में हैं.


कोरोना वायरस का नया प्रकार इंग्लैंड में सामने आया है. यह मौजूदा कोरोना वायरस के मुकाबले कई गुना तेजी से फैलने में सक्षम है. सर्वेक्षण में 41 प्रतिशत लोगों ने ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, नीदरलैंड, डेनमार्क और ऑस्ट्रेलिया से आने वाले यात्रियों को 14 दिन के अनिवार्य क्वारंटीन में रहने के पक्ष में मत दिया.


7,000 से अधिक लोगों के बीच किया सर्वेक्षण


यह सर्वेक्षण ऑनलाइन मंच लोकल सर्किल्स ने किया. इसे 202 जिलों के 7,000 से अधिक लोगों के बीच किया गया. सोमवार को जारी सर्वेक्षण रपट में कहा गया है कि यह सर्वेक्षण रविवार शाम से सोमवार सुबह के बीच किया गया है. वहीं, सरकार ने 22 दिसंबर की मध्यरात्रि से लेकर 31 दिसंबर तक ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. लंदन और ब्रिटेन के अन्य हिस्सों में कोरोना वायरस का नया रूप सामने आने के बाद यह रोक लगाई गई है. इससे पहले जर्मनी, फ़्रांस, इटली, नीदरलैंड, आयरलैंड और बेलजियम की सरकारें भी एहतियात बरतते हुए ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा चुकी है.


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से की ये अपील


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि अभी इसको लेकर ज्यादा पैनिक नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत में अभी ऐसी स्थिति पैदा नहीं हुई है. साथ ही कहा कि भारतीय वैज्ञानिक इसपर कड़ी नज़र रखे हुए हैं. उन्होंने लोगों से धैर्य बनाए रखने और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की भी अपील की.


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