इस्लामाबाद: पाकिस्तान में घर की झूठी शान की रक्षा और दीगर मामलों में हर साल तकरीबन पांच हजार महिलाओं की हत्या कर दी जाती है. एक मानवाधिकारकर्मी ने यह जानकारी दी.
मानवाधिकारकर्मी सरवर बारी ने कल कहा, ‘‘औसतन हर साल 1442 मर्दों के मुकाबले 5000 औरतों का कत्ल होता है. जहां मर्दों की मौत प्राथमिक रूप से दहशतगर्दी से जुड़ी है, औरतों के कत्ल की घटनाएं ज्यादातर झूठी शान और सताए जाने के सामाजिक मुद्दों से जुड़ी हैं.’’ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्वसंध्या पर ‘महिलाओं के लिए कार्यस्थल सुरक्षित करने’ पर आयोजित एक विमर्श कार्यशाला को संबोधित करते हुए बारी ने कहा कि पाकिस्तान अपने संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की दृष्टि से हट गया है क्योंकि राजनीतिक दल महिला उन्मुखी कानूनों का विरोध करने वाले तथाकथित धार्मिक विद्वानों के खिलाफ खड़ा होने की कभी हिम्मत नहीं करते.
बारी ने कहा कि 1928 में उपमहाद्वीप की महिलाओं ने कम उम्र में शादी के खिलाफ प्रदर्शन किया था. जिन्ना प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता जताने वहां गए थे.