नई दिल्ली: सैंकड़ों कनाडाई डॉक्टरों, मेडिकल की प्रैक्टिस करने वालों और मेडिकल स्टूडेंटों ने एक अजीबों-गरीब पिटीशन पर साइन किया है. जिस पिटीशन पर उन्होंने साइन किया है वो उनकी खुद की सैलरी बढ़ाए जाने के खिलाफ़ है. वहीं उन्होंने मांग की है कि उनकी सैलरी को बढ़ाए जाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रकम को नर्सों की सैलरी बढ़ने से लेकर ज़रूरतमद मरीज़ों की सहायता तक के लिए इस्तेमाल किया जाए.


कानाडा की जिस प्रांत के डॉक्टरों ने ये मांग की है वहां की ऑफिशियल भाषा फ्रेंच है. इसी भाषा में पोस्ट की गई एक चिट्ठी में लिखा है- 'हम क्यूबेक डॉक्टर मज़बूत पब्लिक सिस्टम में विश्वास रखते हैं और हमारे मेडिकल फेडेरेशन ने हमारे पैसे बढ़वाए जाने की जिस मांग को पास करवाया है उसका विरोध करते हैं.


बीते 25 फरवरी को पोस्ट किए गए इस पिटीशन पर इसे लिखे जाने तक 700 से अधिक डॉक्टरों ने दस्तखत किया है. इनमें जेनरल प्रैक्टिशनर, स्पेशलिस्ट, रेसिडेंट मेडिकल डॉक्टर से लेकर मेडिकल छात्र तक शामिल हैं. डॉक्टरों का ये कदम देश में हेल्थ के उस बजट कट के ख़िलाफ़ है जिसमें किए गए कट की वजह से नर्सों और क्लर्कों पर बहुत ज़्यादा भार आ गया है. वहीं मरीज़ों को भी हेल्थ सर्विस में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


कनाडा इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ इंफॉर्मेशन की साल 2017 की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक आम कनाडाई डॉक्टर 260,924 डॉलर यानी लगभग 1,31,67,790.58 रुपए कमाता है. रिपोर्ट ने ये बात साफ की है कि ये सिर्फ डॉक्टरों को सीधे तौर पर मिलने वाली रकम है जिसमें उनकी बाकी की कमाई शामिल नहीं होती है.


डॉक्टरों ने 25 फरवरी को एक और पिटीशन जारी किया जिसमें उन्होंने 500 मिलियन डॉलर यानी 25,25,32,52,925.00 रुपए की रकम को स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की सैलरी बढ़ाए जाने के लिए इस्तेमाल किए जाने को भद्दा करार दिया. डॉक्टरों का ये कदम नर्सों के उस कदम के बाद आया जो उन्होंने डॉक्टरों की सैलरी बढ़ाए जाने के विरोध में उठाया था.