वीजा, पंजीकरण कार्ड... दस्तावेज होने के बादवजूद क्यों अफगानों को क्यों हिरासत में ले रहा पाक? भड़की तालिबान सरकार
निर्वासित लोगों में से 137 ऐसे हैं जिन्होंने पहले ही अपने वीजा के नवीनीकरण के लिए आवेदन कर दिया है और इनमें अस्थायी एसएचएआरपी/यूएनएचसीआर पंजीकरण वाले लोग भी शामिल हैं.
अफगानिस्तान दूतावास ने पाकिस्तान में करीब 800 अफगान नागरिकों को हिरासत में लिए जाने पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने दावा किया है कि दस्तावेजों को लेकर अस्पष्टता के कारण मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने और निर्वासित किए जाने के चिंताजनक मामले सामने आए हैं. दूतावास के अनुसार, जिन 800 अफगान नागरिकों को हिरासत में लिया गया है उनमें वैध वीजा, पंजीकरण कार्ड का प्रमाण (POR) और अफगान नागरिक कार्ड (ACC) रखने वाले नागरिक भी शामिल हैं.
अफगानिस्तान के दूतावास ने कहा कि वह अफगान नागरिकों की अनावश्यक गिरफ्तारी, घर की तलाशी और जबरन वसूली की खबरों को लेकर विशेष रूप से चिंतित हैं. सोमवार (6 जनवरी, 2024) को देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'हम पाकिस्तान सरकार से इन गंभीर चिंताओं का तत्काल समाधान करने का आग्रह करते हैं.'
दूतावास के दावे पर पाकिस्तान सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. वैध वीजा, पंजीकरण कार्ड का प्रमाण और अफगान नागरिक कार्ड रखने वाले समेत करीब 800 अफगान नागरिकों को इस्लामाबाद में हिरासत में लिए जाने पर गहरी चिंता जताते हुए दूतावास के पोस्ट में कहा गया है, 'एनओसी प्राप्त करने की शर्तों पर स्पष्टता की कमी के कारण मनमाने ढंग से हिरासत और निर्वासन के चिंताजनक मामले सामने आए हैं.
निर्वासित लोगों में से 137 ऐसे हैं जिन्होंने पहले ही अपने वीजा के नवीनीकरण के लिए आवेदन कर दिया है, और इनमें अस्थायी एसएचएआरपी (सोसायटी फॉर ह्यूमन राइट्स एंड प्रिजनर्स एड)/संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) पंजीकरण वाले लोग भी शामिल हैं. शार्प यानी सोसाइटी फॉर ह्यूमन राइट्स एंड प्रिज़नर्स एड, पाकिस्तान में यूएनएचसीआर के साथ काम करता है.
दूतावास ने कहा, 'इस तरह हिरासत में लिए जाने से महिलाओं और बच्चों सहित कई परिवार अलग हो गए हैं, जिनमें से कई अभी भी पाकिस्तान में फंसे हुए हैं.' अफगानिस्तान की चिंताओं को दूर करने के लिए पाकिस्तान सरकार से आग्रह करते हुए, दूतावास ने कहा कि संबंधित पाकिस्तानी अधिकारियों को मामले के बारे में सूचित कर दिया गया है.
यूएनएचसीआर और अन्य मानवाधिकार संगठनों से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील भी की गई है. साल 2023 के आखिर से, पाकिस्तान ने अफ़गान शरणार्थियों को अपनी अर्थव्यवस्था पर एक अतिरिक्त बोझ मानते हुए, उन्हें उनके वतन वापस भेजने की शुरुआत की थी. जुलाई 2024 में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख फिलिपो ग्रांडी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की और लाखों अफगान शरणार्थियों की स्थिति पर चर्चा की, जो पिछले साल इस्लामाबाद द्वारा बिना दस्तावेज वाले विदेशियों’’ को वापस भेजे जाने योजना की घोषणा के बाद से अनिश्चितता में रह रहे हैं.
इस पर शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वे पाकिस्तान द्वारा उठाए जा रहे अफगान शरणार्थियों के बोझ की समस्या को पहचानें और इस मुद्दे से निपटने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी जाहिर करें. साथ ही पाकिस्तान ने कहा है कि अफगान तालिबान से संबद्ध तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) देश की सुरक्षा संस्थाओं के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा बनकर उभरा है.
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