क्राइस्टचर्च: न्यूजीलैंड में क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर हमले के बाद से ही 9 भारतीय लापता हैं. हमले में 49 लोगों की मौत हुई है. न्यूजीलैंड में भारतीय उच्चायुक्त संजीव कोहली ने कहा, ''9 भारतीय/भारतीय मूल के लोग लापता है. आधिकारिक पुष्टि अभी भी बाकी है. यह मानवता के खिलाफ बड़ा अपराध है. हम पीड़ित परिवारों के लिए दुआ कर रहे हैं.''


वहीं भारतीय नागरिकों के लापता होने की खबरों पर विदेश मंत्रालय ने कहा, ''हमारा उच्चायोग अधिक जानकारी के लिए स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है. यह संवेदनशील मामला है और हम तब तक इसकी जानकारी नहीं दे सकते हैं जबतक कि पूरी तरह से इसकी पुष्टि नहीं हो जाए.''



एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया कि एक भारतीय अहमद जहांगीर घायल हैं, जिन्हें वीडियो में देखा गया है कि गोली लगी है. हैदराबाद के रहने वाले अहमद के भाई इकबाल जहांगीर ने न्यूजीलैंड जाने के लिए मदद की मांग की है. उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद की अपील की है.





पीएम मोदी ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूजीलैंड की अपनी समकक्ष को पत्र लिखकर गोलीबारी में निर्दोष लोगों की मौत पर गहरी संवेदना और दुख प्रकट किया. प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि विविधतापूर्ण एवं लोकतांत्रिक समाज में हिंसा के लिये कोई स्थान नहीं है. विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न को पत्र लिखा.

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ''न्यूजीलैंड में गोलीबारी की घटना एक निन्दनीय कृत्य है. शत्रुता और घृणा से अतिवाद पनपता है. पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.''

मदद के लिए आगे आया उच्चायोग
उच्चायुक्त ने कहा कि क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों पर हमलों में प्रभावित कोई भी भारतीय नागरिक मदद के लिए मिशन से संपर्क कर सकता है. मिशन ने घटना पर दुख जताते हुए मदद के लिए दो फोन नंबर भी ट्वीट किये जिन पर संपर्क किया जा सकता है. इनमें 021803899 और 021850033 हैं. न्यूजीलैंड में तकरीबन दो लाख भारतीय और भारतीय मूल के लोग रहते हैं. भारतीय उच्च आयोग के आंकड़ों के अनुसार इस देश में 30 हजार से अधिक भारतीय छात्र हैं.


मध्य क्राइस्टचर्च की अल नूर मस्जिद और शहर के बाहरी उपनगर में लिनवुड मस्जिद पर हमलों में कम से कम 49 लोग मारे गये. एक बंदूकधारी की पहचान आस्ट्रेलियाई चरमपंथी के रूप में हुई है जिसने हमले की स्पष्ट रूप से ऑनलाइन लाइवस्ट्रीमिंग की. इस हमले के बाद क्राइस्टचर्च में किसी के आने और शहर से किसी के बाहर जाने पर रोक लगा दी गई.


यह किसी पश्चिमी देश में मुस्लिमों के खिलाफ सबसे भीषण हमला प्रतीत होता है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पीड़ितों पर बहुत नजदीक से गोलियां चलाई गईं. मृतकों में महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल हैं.



न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने इसे ‘‘न्यूजीलैंड के सबसे काले दिनों में से एक’’ करार दिया और कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि इसे अब केवल आतंकवादी हमला ही करार दिया जा सकता है. हम जितना जानते हैं, ऐसा लगता है कि यह पूर्व नियोजित था.’’ उन्होंने कहा कि 20 से अधिक लोग घायल हो गए हैं.


आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने बताया कि गोलीबारी करने वाला एक बंदूकधारी एक दक्षिणपंथी चरमपंथी है जिसके पास आस्ट्रेलिया की नागरिकता है. अर्डर्न ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि गोलीबारी में कितने हमलावर शामिल थे लेकिन तीन पुरुषों को हिरासत में लिया गया है.


पुलिस ने बताया कि सेना ने दो आईईडी बरामद किए हैं और उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया है. मस्जिद में मौजूद एक फलस्तीनी व्यक्ति ने बताया कि उसने एक व्यक्ति के सिर में गोली लगती देखी.


उसने कहा, ‘‘मुझे लगातार तीन गोलियों की आवाज सुनाई दी और मुश्किल से 10 सेकंड बाद ही फिर से ऐसा हुआ. हमलावर के पास संभवत: स्वचालित हथियार होगा क्योंकि कोई इतनी जल्दी ट्रिगर नहीं दबा सकता.’’


ऑनलाइन उपलब्ध वीडियो और दस्तावेजों से यह पता चलता है कि हमलावर ने हमले का फेसबुक लाइव किया. वीडियो एवं दस्तावेजों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.


इस बीच, पुलिस ने गोलीबारी संबंधी कोई भी वीडियो साझा नहीं करने की चेतावनी दी है. दरअसल, ऑनलाइन मौजूद एक वीडियो में एक बंदूकधारी मस्जिद में लोगों पर गोली चलाते समय वीडियो बनाते दिख रहा है.


पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘पुलिस जानती है कि क्राइस्टचर्च में हुई घटना के संबंध में एक बहुत ही तकलीफदेह वीडियो ऑनलाइन साझा किया जा रहा है. हम अपील करेंगे कि यह लिंक साझा नहीं किया जाए. हम फुटेज हटाने की कोशिश कर रहे हैं.’’


पुलिस ने बताया कि मस्जिद अल नूर में हुए हमले में 41 लोगों की मौत हुई और लिनवुड अवे मस्जिद में सात और लोगों की मौत हुई. दोनों मस्जिद पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं. यह स्पष्ट नहीं है कि क्या दोनों मस्जिदों में एक ही हमलावर ने गोलीबारी की थी या नहीं.


हमले के समय डीन अवे मजिस्द में नमाज पढ़ रहे एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि उसने बाहर अपनी पत्नी का शव फुटपाथ पर पड़ा देखा., ‘‘लोग भाग रहे थे. कुछ लोग खून से सने थे.’’


एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि उसने बच्चों पर गोलियां चलती देखीं. ‘‘मेरे चारों ओर शव थे.’’ एक प्रत्यक्षदर्शी ने ‘रेडियो न्यूजीलैंड’ को बताया कि उसने गोलीबारी सुनी और चार लोग जमीन पर पड़े थे और ‘‘हर तरफ खून’’ था. पुलिस ने देशभर के मुसलमानों को सचेत किया है कि वे ‘‘न्यूजीलैंड में कहीं’’ किसी मस्जिद में नहीं जाएं.


इस बीच, पुलिस ने शहर के स्कूलों से लॉकडाउन हटा दिया है. स्कूलों में किसी के अंदर या बाहर जाने पर प्रतिबंध लग गया था. लॉकडाउन हटने के बाद घबराए हुए अभिभावक अपने बच्चों को लेने स्कूल पहुंचे.


न्यूजीलैंड पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘पुलिस अब यह पुष्टि कर सकती है कि क्राइस्टचर्च में सभी स्कूलों पर लगा लॉकडाउन हटा दिया गया है.’’


इस बीच, क्राइस्टचर्च में मौजूद बांग्लादेश क्रिकेट टीम का न्यूजीलैंड के साथ होने वाला तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच यहां मस्जिदों में गोलीबारी के मद्देनजर रद्द कर दिया गया. जब हमला हुआ, उस समय बांग्लादेश की टीम मस्जिद में प्रवेश करने ही वाली थी.


‘क्रिकइंफो’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘जब हमला हुआ, तब टीम जुम्मे की नमाज के लिए मस्जिद जा रही थी. टीम सुरक्षित बच कर निकटवर्ती हेगले ओवल पहुंची. टीम को एक होटल में रखा गया है. होटल में किसी के अंदर जाने या किसी के होटल से बाहर जाने पर प्रतिबंध है.’’