Indian Sailors Release: लीबिया में पिछले पांच महीने से फंसे नौ भारतीय नाविकों को रिहा कर दिया है. इन नाविकों की रिहाई का श्रेय दो प्रमुख व्यक्तियों के प्रयासों को दिया जा रहा है. इनमें बेंगाजी में इंडियन इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल तबस्सुम मंसूर और ट्यूनीशिया में भारत के राजदूत नगुलखम जथोम गंगटे शामिल हैं. इन्होंने लीबिया के विद्रोही समूह से बातचीत कर भारतीय नाविकों की रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अब इन नाविकों को भारत लाने का इंतजाम किया जा रहा है. 


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, लीबिया में फंसे सभी भारतीय नाविक कैमरून के माया -1 शिप पर चालक दल का हिस्सा थे. यह जहाज ग्रीक कंपनी मैसर्स रेडविंग्स शिपिंग एसए का था और लीबिया के जांजौर क्षेत्र के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. घटना के बाद, जाविया शहर में अल माया पोर्ट के पास स्थित एक स्थानीय सशस्त्र समूह अज जाविया ने चालक दल को हिरासत में ले लिया था. ग्रीक कंपनी के जहाज पर कैमरून का झंडा लगा हुआ था और यह जहाज तेल उत्पादों को लेकर माल्टा से त्रिपोली जा रहा था.


नौ में से पांच नाविक यूपी के 


लीबिया से रिहा होने वाले नौ भारतीय नाविकों में से 5 यूपी के रहने वाले हैं. जबकि एक-एक राजस्थान, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश और गुजरात के हैं. इस मामले को भारतीय दूतावास ने तत्काल लीबिया के अधिकारियों के समक्ष उठाया. इसके साथ ही भारतीय नाविकों को जल्द से जल्द भारत पहुंचाने की मांग की.  


रिहाई के बाद भारत पहुंच रहे हैं नाविक 


बता दें कि लीबिया में भारतीय नागरिकों के लिए काम करने वाले तबस्सुम मंसूर ने विद्रोही समूह के साथ बातचीत की. उन्हें इन नाविकों को रिहा करने के लिए मनाया गया. रिहाई के बाद सभी नाविक अपने घर लौट रहे हैं, जहां महीनों से उनके परिजन इनका इंतजार कर रहे हैं. 31 मई, 2023 को सभी 9 भारतीय नागरिकों को रिहा किया गया. वे त्रिपोली पहुंच गए हैं, जहां ट्यूनीशिया में राजदूत ने उनसे मुलाकात की. उन्हें वहां एक होटल में ठहराया गया है, जब तक कि उनके निकास वीजा की औपचारिकताएं पूरी नहीं हो जातीं.


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