Same-Sex Marriage: जापान की एक अदालत ने कहा- समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध संविधान का उल्लंघन नहीं
Same-Sex Marriage: G7 ग्रुप में जापान एकमात्र देश है जो समान लिंग के लोगों को शादी करने की अनुमति नहीं देता. ओपिनियन पोल बताते हैं अधिकांश जनता समलैंगिक विवाह की अनुमति दिए जाने के पक्ष में है.
Same-Sex Marriage: जापान (Japan) द्वारा समलैंगिक विवाह (Same-Sex Marriages) पर प्रतिबंध संविधान का उल्लंघन नहीं है, ओसाका (Osaka) में एक जिला अदालत (District CCourt) ने यह फैसला सुनाया है. अदालत का यह आदेश समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं (Gay Rights Activists) और जोड़ों (Gay Couples) के लिए बड़ा झटका है. इससे पहले एक अन्य जिला अदालत ने साप्पोरो (Sapporo) में 2021 में फैसला सुनाया था कि समलैंगिक विवाह ( Same-Sex Marriage) को मान्यता देने में विफलता "असंवैधानिक" थी.
जापान का संविधान विवाह को "दोनों लिंगों" के बीच में परिभाषित करता है. विकसित देशों के G7 समूह में जापान एकमात्र देश है जो समान लिंग के लोगों को शादी करने की अनुमति नहीं देता है. ओपिनियन पोल से पता चलता है कि अधिकांश आम जनता जापान में समलैंगिक विवाह की अनुमति देने के पक्ष में है.
कई क्षेत्रों - टोक्यो सहित - ने समान-लिंग वाले जोड़ों को संपत्ति किराए पर लेने और अस्पताल के दौरे के अधिकार हासिल करने में मदद करने के लिए साझेदारी प्रमाण पत्र जारी करना शुरू कर दिया है. ओसाका मामला समान-लिंग वाले तीन लोगों द्वारा दायर किया गया था, जिनमें दो पुरुष और एक महिला शामिल थी. देश में यह अपनी तरह का दूसरा मामला है.
अदालत ने खारिज की याचिकाकर्ताओं की मांग
अदालत ने तीनों के दावे- शादी करने में असमर्थ होना असंवैधानिक है- को खारिज करने के लिए साथ ही, प्रत्येक जोड़े के लिए 1 मिलियन येन ($ 7,414; £ 6,058) की हर्जाने की मांगों को भी खारिज कर दिया.
और क्या कहता है अदालत का आदेश
लेकिन अदालत ने यह भी कहा कि समान-लिंग विवाह के बारे में पर्याप्त सार्वजनिक बहस नहीं हुई और समान-लिंग वाले जोड़ों के हितों को पहचानते हुए "एक नई प्रणाली बनाना संभव हो सकता है".
अदालत (Court) ने अपने फैसले में कहा, "व्यक्तिगत गरिमा (Individual Dignity) के दृष्टिकोण से, यह कहा जा सकता है कि समलैंगिक जोड़ों (Same-Sex Couples) को आधिकारिक मान्यता के माध्यम से सार्वजनिक रूप से मान्यता दिए जाने के लाभों को महसूस करना आवश्यक है. इसके लिए किस प्रकार की प्रणाली उपयुक्त है, इस पर सार्वजनिक बहस पूरी तरह से नहीं की गई है."
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