The Tempest Jets: दूसरे विश्व युद्ध (World War II) के दौरान स्पिटफायर (Spitfire) पायलट्स ने अपने लड़ाकू विमानों को अपना बेहद अजीज कहा था. उनका कहना था कि उनके ये विमान उनकी सुनते थे, उनके लिए बेहद जवाबदेह होते थे. उन्हें ऐसा लगता था कि जैसे ये उनके ही शरीर का अंग है. भले ही उस वक्त के पायलट भावनाओं में बहकर ये बात कह गए हों, लेकिन अब हकीकत में ये निर्जीव लड़ाकू जेट (Combat Jet) पायलट्स के साथ बेहद करीबी रिश्ता साझा करेंगे. साल 2030 के ब्रिटिश लड़ाकू विमानों में इतनी काबिलियत होगी कि वह पायलट का दिमाग पढ़कर उसके लिए एक्शन लेंगे. जंग के मैदान की तस्वीर बदल देने वाले एआई (Artificial Intelligence- AI) तकनीक पर आधारित दि टेम्पेस्ट जेट (The Tempest Jet) तैयार हो रहे हैं.
क्या है दि टेम्पेस्ट जेट
दि टेम्पेस्ट जेट (The Tempest Jet) को पांच ग्रुप मिलकर तैयार कर रहे हैं. इनमें यूके का बीएई सिस्ट्मस (UK's BAE Systems), रोल्स रॉयस (Rolls-Royce), यूरोपियन मिसाइल्स ग्रुप (European Missiles Group), एमबीडीए (MBDA) और इटली का लिओनार्दो (Leonardo) शामिल हैं. ब्रिटिश लड़ाकू विमानों की अगली पीढ़ी (Next Generation) के ये विमान थ्री डी (3D) प्रिंटिंग और डिजिटल तकनीक से निर्मित किए जा रहे हैं. इसका खास फीचर है वीडियो गेम किट जो कॉकपिट (Cockpit) में ही पायलट्स को ट्रेनिंग देने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. यूके के बीएई सिस्टम इसे जोर-शोर से तैयार कर रहा है और यह इस दशक के अंत में लैंकशायर (Lancashire) में सर्विस में आ जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि दि टेम्पेस्ट जेट 2030 के पायलट्स का अपने लड़ाकू विमानों के साथ करीबी रिश्ता होगा. इतना करीबी के ये उनके दिमाग तक पढ़ लेगा.
एआई तकनीक का है कमाल
दि टेम्पेस्ट जेट की एक खासियत कृत्रिम बुद्धिमत्ता एआई (Artificial Intelligence- AI) टूल होगा. ये इंसानी पायलट की मदद के लिए होगा. खासकर उस वक्त जब वो लड़ाई के दौरान बेहद तनाव में हों. पायलट के हेलमेट में लगे सेंसर ब्रेन सिग्नल और अन्य मेडिकल डेटा पर नजर रखेंगे. इससे लगातार उड़ानों में एआई पायलट का एक विशाल बायोमेट्रिक और साइकोमेट्रिक (Psychometric) सूचना डेटाबेस इकट्ठा करेगा. एक तरह से ये पायलट्स की अनूठी विशेषताओं की एक लाइब्रेरी सरीखा डेटाबेस होगा. ये उसके विमान में सवार होने के दौरान ही उसकी मानसिक स्थिति भांपकर सेंसर के संकेत भेजते ही आगे आकर मदद की जरूरत होने पर पायलट का साथ देगा. उदाहरण के लिए यदि उच्च गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पायलट होश खो देता है तो उस वक्ट एआई तकनीक स्थिति संभाल लेगी.
वार्टन में भरेगा उड़ान
फ़ार्नबरो (Farnborough) एयर शो में बीएई सिस्टम्स ने कहा कि 2027 तक यह लैंकशायर में अपने वार्टन (Warton) प्लांट से एक प्रदर्शनकारी (Demonstrator) जेट उड़ाएगा. इसमें दि टेम्पेस्ट जेट की कुछ तकनीकों का परीक्षण किया जाएगा. यह विमान अलग-अलग डिजिटल क्षमताओं को मापने के लिए एक टेस्ट बेड (Test-Bed ) की तरह काम करेगा. इस दौरान 60 अलग-अलग तरह की प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया जाएगा, जिनमें कुछ पूरी तरह से सॉफ्टवेयर बेस होंगे. जब यह पूरी तरह से आसमान में उड़ान के लिए तैयार हो जाएगा तो टेम्पेस्ट को नियमित तौर पर बगैर पायलट के लड़ाकू ड्रोन के जरिए उड़ाया जाएगा. इस तरह की ए़डवांस टेक्नोलॉजी के लिए निगरानी और नियंत्रण के लिए पूरी तरह से नए सिस्टम की जरूरत होगी. टेम्पेस्ट के व्यवसाय विकास निदेशक जॉन स्टॉकर (John Stocker) कहते हैं, "हमें प्रौद्योगिकी में बदलाव की गति से निपटना होगा." उनका कहना है कि अतीत में रक्षा खर्च अक्सर बढ़ता था, जबकि कमर्शियल टेक्नोलाजी को बाद में इसमें शामिल किया गया. वहीं अब तकनीक अक्सर अधिक उन्नत होती है. निदेशक स्टॉकर ने सिस्टम के साथ नए फाइटर के निर्माण की परिकल्पना की है, जिसे अपग्रेड करना स्मार्टफोन पर कोई ऐप डाउनलोड करने जितना आसान हो.
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