Economy Of US: अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर राष्ट्रपति जो बाइडेन बोले- समस्याएं हैं लेकिन बाकी दुनिया से काफी कम
Recession in America: अमेरिका के राष्ट्रपति ने देश की अर्थव्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि हां अर्थव्यवस्था में समस्याएं हैं लेकिन दूसरे देशों की तुलना में ये समस्याएं काफी कम हैं.
Recession in America: अमेरिका की अर्थव्यवस्था और मंदी पर बात करते हुए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने टोक्यो में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अमेरिका में मंदी आती-जाती रहती है लेकिन इसका दर्द कुछ समय तक रहेगा. उन्होंने बताया कि अमेरिका में मौजूदा हालात आंशिक रूप से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण पैदा हुए हैं लेकिन पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि मंदी आने वाली है.
उन्होंने टोक्यो में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वीकार किया है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में समस्याएं हैं लेकिन दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं. उन्होंने कहा कि जो समस्याएं हमारे यहां हैं वही समस्याएं बाकी दुनिया में भी हैं लेकिन बाकी दुनिया को देखें तो हमारे यहां बेहतर स्थिति है और इसका असर कम है.
उन्होंने स्वीकार किया कि अमेरिकी परिवारों पर आपूर्ति में कमी और उच्च ऊर्जा कीमतों का असर पड़ रहा है. बाइडेन ने कहा कि उनकी सरकार अमेरिकी उपभोक्ताओं की तकलीफ कम करने के लिए काम कर रही है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि तत्काल समाधान होने की उम्मीद नहीं है. उन्होंने कहा कि हालात ठीक होने में कुछ वक्त लगेगा.
अमेरिका जापान के बीच होगी नए रिश्तों की शुरूआत
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सोमवार को नए हिंद-प्रशांत व्यापार समझौते की शुरुआत करेंगे, जिसे क्षेत्र के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता का संकेत देने और महामारी एवं यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण व्यापार में स्थिरता की आवश्यकता को संबोधित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है. व्हाइट हाउस ने कहा है कि नया हिंद-प्रशांत व्यापार समझौता आपूर्ति शृंखला, डिजिटल व्यापार, स्वच्छ ऊर्जा, कर्मचारी सुरक्षा और भ्रष्टाचार निरोधी प्रयासों सहित विभिन्न मुद्दों पर अमेरिका और एशियाई अर्थव्यवस्थाओं की अधिक निकटता से काम करने में मदद करेगा. हालांकि, इसके प्रावधानों को लेकर सदस्य देशों के बीच सहमति बनना बाकी है, जिससे प्रशासन के लिए अभी यह बता पाना मुश्किल है कि समझौता वैश्विक जरूरतों को पूरा करते हुए अमेरिकी श्रमिकों और व्यवसायों की मदद करने के वादे को कैसे पूरा कर सकता है. जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ वार्ता के लिए बाइडन की टोक्यो यात्रा के दौरान सोमवार को इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले देशों के नामों की घोषणा की जानी है. ये बाइडन प्रशासन द्वारा एक ऐसे क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव को संरक्षित करने और व्यापक बनाने की दिशा में उठाया गया नवीनतम कदम है, जहां हाल के वर्षों में चीन का दखल बढ़ा है.
राष्ट्रपति बनने के बाद एशिया की पहली यात्रा
बाइडन दक्षिण कोरिया और जापान की पांच दिवसीय यात्रा के मध्य पड़ाव में हैं. राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनकी एशिया की पहली यात्रा है, जो मंगलवार को समाप्त होगी. व्हाइट हाउस ने अक्टूबर 2021 में ‘ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप’ की जगह एक नए आर्थिक ढांचे के निर्माण की योजना की घोषणा की थी, जिसे अमेरिका ने 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन के दौरान रद्द कर दिया था. नया समझौता ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि चीन के साथ प्रतिस्पर्धा में उसे बढ़त हासिल है. ‘ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स’ ने पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें साल 2022 में चीन के दो प्रतिशत की तुलना में अमेरिकी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर लगभग 2.8 प्रतिशत बताई गई है. आर्थिक सुस्ती ने इस धारणा को कमजोर किया है कि चीन जल्द अमेरिका को पीछे छोड़कर दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
चीन से तेज गति से आगे बढ़ रहा अमेरिका
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि हकीकत ये है कि अमेरिका इस साल चीन की तुलना में कहीं तेज गति से आगे बढ़ेगा. हालांकि, आलोचकों का कहना है कि नए व्यापार समझौते में कुछ कमियां हैं. ये छूट कम करके या हस्ताक्षरकर्ता देशों को अमेरिकी बाजारों तक अधिक पहुंच प्रदान करके संभावित भागीदारों को प्रोत्साहन प्रदान नहीं करता है. आलोचकों के मुताबिक, ये बाधाएं नए व्यापार समझौते को ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (टीपीपी) का एक आकर्षक विकल्प नहीं बना सकती हैं, जो अमेरिका के हटने के बावजूद आगे बढ़ा है. क्षेत्र में कई देशों के लिए सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार चीन भी टीपीपी में शामिल होना चाहता है.
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र के पूर्व निदेशक मैथ्यू गुडमैन ने कहा कि मुझे लगता है कि बहुत सारे भागीदार इस समझौते पर गौर करेंगे और कहेंगे कि इसमें शामिल प्रावधान काफी अच्छे हैं. हमें इसमें शामिल होने की खुशी है. हालांकि, गुडमैन ने ये भी कहा कि ऐसे भागीदार यह भी पूछ सकते हैं कि क्या हमें इस समझौते में शामिल होने से कोई ठोस लाभ मिलने वाला है? यही नहीं, देशों के लिए दोनों व्यापार समझौतों का हिस्सा बनना भी संभव है.
बाइडन के सोमवार को इम्पीरियल पैलेस परिसर में सम्राट नरुहितो के आवास पर उनसे मिलने की संभावना है. इससे पहले वह व्यापार, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण, उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे, दोनों देशों की कोविड-19 से निपटने की तैयारियों सहित अन्य मुद्दों पर किशिदा के साथ व्यापक बातचीत करेंगे.
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