Nasa's Dart Mission : अगले सप्ताह दुनिया में एक बड़ी ऐतिहासिक घटना घटने वाली है. नासा के वैज्ञानिक एक स्पेशल अंतरिक्ष विमान से उल्कापिंड में टक्कर कराने वाले हैं. इस उल्कापिंड का नाम डॉयमरफस है. इसे मूनलेट यानी नन्हा चांद भी कहा जाता है. इसके टक्कर का मुख्य मकसद यह देखना है कि टकराव के बाद उल्कापिंड के रास्ते में कोई भी बदलाव आता है या नहीं .अगले हफ्ते होने वाली यह टक्कर बड़े पैमाने पर पहली बार किया जा रहा है. यह एक ऐसा प्रयोग है, जिसके जरिए भविष्य में आने वाली ऐसी किसी आपदा से पृथ्वी को बचाने की संभावनाएं तलाशी जा रहीं हैं.

मिशन का क्या नाम है

डबल एस्ट्रॉयड रीडाइरेक्शन टेस्ट यानी डार्ट (DART) मिशन के द्वारा एक विशेष अंतरिक्ष यान को उल्कापिंड में टक्कर कराया जाएगा. अंतरिक्ष वैज्ञानिक यह देखना चाहते हैं कि अगर कोई उल्कापिंड पृथ्वी से टकराने के लिए उसके तरफ बढ़ रहा है तो उसका रास्ता बदला जा सकता है या नहीं. नासा ने इस मिशन की विस्तृत जानकारी साझा की है.


सबसे छोटा है उल्कापिंड

यह पृथ्वी के पास  ही एक और बड़ा डिडायमॉस नामक उल्कापिंड का चक्कर लगा रहा है.नासा के वैज्ञानिकों ने कहा है कि पृथ्वी के नजदीक यानी लगभग 5 करोड़ किलोमीटर के दायरे में मौजूद उल्कापिंडों और धूमकेतुओं के खतरे का आकलन करना उनका मुख्य लक्ष्य है. डायमॉरफस का व्यास लगभग 160 मीटर है. अंतरिक्ष में अब तक नासा ने जितनी चीजों से टकराने की कोशिश की है, यह उनमें से यह सबसे छोटा है.

कब होगी टक्कर


अमेरिकी समय के अनुसार सोमवार 26 सितंबर को शाम 7.14 बजे यानी की भारतीय समय के मुताबिक मंगलवार सुबह 4.44 बजे इस अद्भुत घटना के होने की संभावना है. जिस दिन यह टक्कर होगी, उस दिन इटली स्पेस एजेंसी का एक छोटा उपग्रह घटना की तस्वीरें खींचेगा और वैज्ञानिकों को भेजेगा. जब यह टक्कर होगी तब उल्कापिंड पृथ्वी से 1.1 करोड़ किलोमीटर दूर होंगे.

टेलीस्कोप के मदद से पता करेंगे अंतर


नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि बहुत ही तेजी के साथ इस  विमान को उल्कापिंड से टक्कर कराया जाएगा, जिसके कारण  उल्का पिंड का रास्ता बदल सके. उसके बाद वैज्ञानिक पृथ्वी से टेलीस्कोप की मदद से उसके बदले हुए रास्ते का अध्ययन करेंगे. वैज्ञानिक यह भी देखेंगे कि डायमॉरफस का रास्ता बदला या नहीं और बदला है तो कितना बदला है.

 

ये भी पढ़े :