Reporter's Diary: दुनियाभर में इस साल काम करते हुए मारे गए पत्रकारों की संख्या में पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत वृद्धि हुई है. ब्रसेल्स स्थित इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (IFJ) की जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल दुनियाभर में अब तक 67 पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे जा चुके हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 47 थी.
इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में 375 पत्रकार फिलहाल अपने काम की वजह से जेल में बंद हैं. इनमें से ज्यादातार चीन, म्यांमा और तुर्की में जेल में बंद हैं. जेल में बंद पत्रकारों के मामले में चीन सबसे आगे है, जहां 84 पत्रकार सलाखों के पीछे हैं. इसके बाद म्यांमा (64), तुर्की (51), ईरान (34), बेलारूस (33), मिस्र (23), रूस व अधिकृत क्रीमिया (29), सऊदी अरब (11), यमन (10), सीरिया (9) और भारत (7) हैं.
यूक्रेन में मारे गए सबसे ज्यादा पत्रकार
रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष किसी भी अन्य देश की तुलना में यूक्रेन में युद्ध की रिपोर्टिंग करने वाले मीडियाकर्मियों की मौत के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए. मरने वाले मीडियाकर्मियों में अधिकतर यूक्रेनी थे. इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स के महासचिव एंथोनी बेलंगर ने एक बयान में कहा कि मीडियाकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफलता केवल उन लोगों को बढ़ावा देगी, जो सूचनाओं का मुक्त प्रवाह रोकने की कोशिश करते हैं और अपने नेताओं को जवाबदेह ठहराने की लोगों की क्षमता को कम करते हैं.
आईएफजे ने कहा कि साल 2022 में पत्रकारों के मारे जाने के मामलों में हुई वृद्धि में मेक्सिको में आपराधिक संगठनों का आतंक और हैती में कानून-व्यवस्था के चरमरा जाने का भी योगदान रहा. मेक्सिको में पत्रकारों के लिए 2022 सबसे ज्यादा घातक रहा, जिसे किसी युद्धग्रस्त देश से अलग सबसे खतरनाक मुल्क माना गया है.
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