Abortion Law In US And Controversy: अमेरिका के कई राज्यों में 'गर्भपात कानून' (Abortion Law) का विरोध तेज हो गया है. पिछले साल यहां के सुप्रीम कोर्ट ने एक कानून में बदलाव कराया था, जिसके बाद से देशभर में गर्भपात अधिकार के समर्थकों और हजारों महिलाओं ने रैलियां निकाली थीं. व्हाइट हाउस और अमेरिकी संसद कैपिटल हिल के सामने प्रदर्शन किए गए थे. अब कई महिलाओं ने मुकदमे भी दर्ज करा दिए हैं.


गर्भपात पर बैन के खिलाफ टेक्सास में केस 


जिन महिलाओं ने मुकदमे दर्ज कराए हैं, उनकी मांग है कि गर्भपात पर रोक न लगाई जाए और उन्‍हें गर्भपात का अधिकार दिया जाए. यूएस मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेक्सास में 5 महिलाओं ने गर्भपात पर लगे बैन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. इन महिलाओं का कहना है कि जान का खतरा होने पर भी उन्हें गर्भपात की इजाजत नहीं दी गई.


सोमवार को अदालत में मुकदमा दायर करते हुए उनकी ओर से कहा गया कि 'गर्भपात कानून' की वजह से डॉक्टर नहीं समझ पा रहे हैं कि किसका गर्भपात कराना है और किसका नहीं. कई बार डॉक्‍टरों ने महिलाओं को वापस भेज दिया. डॉक्‍टरों को अपने खिलाफ कार्रवाई का डर है.


खत्म कर गई थी गर्भपात की संवैधानिक सुरक्षा 


बता दें कि अमेरिका में गर्भपात से जुड़ा 50 साल पुराना कानून था, जिसके अनुसार महिलाएं कभी भी गर्भपात करा सकती थीं. जिसे 24 जून, 2022 को अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया था. सुप्रीम कोर्ट की ओर से भ्रूण हत्‍या पर चिंता जताई गई थी. सरकार भी चाहती थी कि भ्रूण हत्‍या न हो बल्कि जनसंख्‍या दर में कुछ तेजी आए. इसीलिए, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को 1973 में 'रो बनाम वेड' मामले से मिली गर्भपात की संवैधानिक सुरक्षा खत्म कर दी थी.


रिपब्लिकन पार्टी के शासन वाले क्षेत्रों में कानून का समर्थन


खास बात यह है कि गर्भपात रोकने संबंधी यानी कि नए कानून लागू होने के बाद से कई अमेरिकी राज्‍यों में गर्भपात कराने वालों की संख्‍या घटी है. जिन राज्यों में रिपब्लिकन पार्टी की सरकार है वहां इसका सबसे ज्यादा पालन हो रहा है. हालां‍कि, टेक्‍सास अमेरिका का ऐसा राज्‍य है, जहां महिलाएं बड़ी संख्‍या में नए कानून का विरोध कर रही हैं.


वहीं, टेक्सास के अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि सरकार मां-बच्चों और परिवारों को बचाने के लिए हर कोशिश करेगी. उन्‍होंने कहा कि हम कानून का भी पूरी तरह से पालन करवाएंगे.


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