नई दिल्ली: पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द बना आतंक के आका अबू बक्र अल बगदादी को मौत की नींद सुला दिया गया है. उसके आतंक से पूरी दुनिया को मुक्ति मिल गई है. आतंक के नाम पर बगदादी ने अलग देश बनाया था. आतंकी फौज में दुनियाभर से लड़ाके भर्ती हुए. बगदादी हर लड़ाके को सैलरी देता था. मोसूल में उसके पास करीब 4700 करोड़ की संपत्ति थी. उसने करीब 13 हजार करोड़ रुपये का साम्राज्य बनाया था. दरअसल बगदादी आईएसआईएस को एक कंपनी की तरह चलाता था. बगदादी को 2018 में दुनिया की जानी मानी पत्रिका फोर्ब्स ने उसे दुनिया के सबसे 100 शक्तिशाली लोगों की लिस्ट में 73वें पायदान पर रखा था.


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बगदादी के रिश्तेदार मोहम्मद अली साजेत ने 2015 में बगदादी की आतंकी फौज ज्वाइन की थी. बाद में ये इराकी अधिकारियों के हत्थे चढ़ गया. साजेत से जब पूछताछ शुरू हुई तब पता चला कि बगदादी के कई सारे अहम राज़ इसको पता हैं. उसने बताया, ''उसके छुपने की स्थिति बेहद अच्छी थी, हमें नहीं लगा था वो मारा जाएगा. उस इलाके में सुरक्षा बलों की सख्ती की वजह से जहां हम थे वहां से उनका बाहर निकलना मुश्किल था. बगदादी हमेशा सुरक्षाबलों की सख्ती की वजह से अपनी बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बात किया करता था. वो बाहर निकलना चाहता था लेकिन उसे नहीं पता था कि वो ये सब कैसे करेगा. वो एक होल में छिपा हुआ था. वो सुरंग 8 मीटर लंबी और 5-6 मीटर चौड़ी थी, उसमें एक लाइब्रेरी भी थी, जिसमें कुरान और धार्मिक किताबें थीं.’’



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पूछताछ में पता चला कि बगदादी जिस तरह अपने छुपने के ठिकाने बदलता रहता था ठीक वैसे ही अपने पैसे छुपाने का भी बंदोबस्त कर रखा था. बैंक या लॉकर में पैसे पकड़ में आ जाते इसलिए उसने रेगिस्तान में छुपा दिया था. करीब 175 करोड़ रुपये बगदादी ने रेगिस्तान में छिपाए थे. हालांकि अभी तक सिर्फ उसके एक ही खजाने का पता चला है. ऐसे कई और खजाने बगदादी ने  अलग-अलग जगहों पर छुपा रखे हों.


बगदादी ने अपने लड़ाकों को बैंक लूटने की खुली छूट दे रखी थी. यही नहीं हर शहर में खरीदने-बेचने वाले सामानों पर अलग से टैक्स लगाया था, उनसे कैश पैसों की वसूली की जाती थी. बैकों को लूटने से हर महीने इनकी करीब 27 करोड़ रुपये और अपना टैक्स लगाने से करीब 14 करोड़ रुपये की हर महीने कमाई होती थी.


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ऑयल रिफाइनरी पर भी उसने कब्जा कर लिया था. ऐसे में तेल बेचने से उसे हर रोज करीब 11 करोड़ की कमाई होती थी. हर महीने फिरौती की रकम से लगभग 28 करोड़ की कमाई होती थी. बगदादी और उसके संगठन आईएसआईएस की विचारधारा से लाखों लोग प्रभावित हुए, नतीजा ये हुआ कि लोगों ने उन्हें चंदा भेजना शुरू कर दिया. अमेरिकी ट्रेजरी के डेटा के मुताबिक बगदादी को हर साल चंदे से करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की कमाई होती थी. कुल मिलाकर आतंक की कंपनी चलाने में बगदादी, ओसामा बिन लादेन से भी आगे निकल गया और शायद यही वजह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने बगदादी को ओसामा बिन लादेन से भी बड़ा आतंकी करार दिया.


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