आतंकियों को ट्रेनिंग, 5 बड़े ऑपरेशंस में हाथ... अबु कताल की हत्या भारत के लिए जीत कैसे? मेजर जनरल सिवाच ने समझाया
Abu Qatal killed : मेजर जनरल सिवाच ने खूंखार आतंकी अबू कताल की हत्या को लेकर कहा कि वह पीओके से जम्मू आया था और स्थानीय लोगों को आतंकी ट्रेनिंग देता था.

Abu Qatal killed : 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का करीबी और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में खूंखार आतंकी अबू कताल की कुछ अज्ञात हमलावरों ने पाकिस्तान में गोली मारकर हत्या कर दी. अबू कताल दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों में से एक है. अबू कताल की हत्या के बाद भारतीय सेना के रिटायर्ड मेजर जनरल सिवाच ने कहा कि ऐसे मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी का मर जाना भारतीय सिक्योरिटी फोर्सस के लिए बड़ी जीत की बात है.
मेजर जनरल सिवाच ने कहा, "अबू कताल ने पिछले 7 सालों के अंदर 4 से 5 बड़े ऑपरेशंस को अंजाम दिया था. कताल पीओके के अंदर लश्कर ए तैयबा के लिए रिक्रूटमेंट कर रहा था. जम्मू, किश्तवाड़ और डोडा रीजन में यह मजबूत पकड़ रखता थी. यह आतंकवादियों की ट्रेनिंग करवाता था और हमले के लिए भेजता भी था."
अबु कताल की मौत सुरक्षा बलों के लिए जीत के बराबर
मेजर जनरल सिवाच ने कहा, "जम्मू रीजन में होने वाली आतंकवादी गतिविधियों को भी अबू कताल ही मैनेज करता था. इसका मर जाना भारतीय सुरक्षा बलों के लिए जीत के बराबर है. इसको पकड़ने के लिए भारत की इंटेलीजेंस लगी हुई थी, लेकिन इसे किसने मारा इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है क्योंकि पिछले 2 सालों में 18 से 20 आतंकवादी पाकिस्तान में मारे गए हैं. हो सकता है कि इनको खुद आईएसआई मरवा रहा हो क्योंकि अगर यह पकड़े गए तो अपना मुंह खोल सकते हैं. यही सच्चाई है और अबू कताल हाफिज सईद के बेहद करीबी था."
‘पीओके से जम्मू आया था कताल’
मेजर जनरल सिवाच ने कहा, "इसका असली नाम जियाउर रहमान है और ये साल 2000 में पीओके से जम्मू रीजन में आया था और साल 2005 तक उसने वहां की सारी एक्टिविटीज में कोऑर्डिनेट किया. इसके बाद वह वापस पीओके चला गया और वहीं से सारी आतंकी गतिविधियों को मैनेज करता था और यह ड्रोंस पर काम करता था. 15 सालों से आबू का लाल हाफिज सईद के साथ इंवॉल्व था. अबू कताल हाफिज सईद का राइट हैंड कहा जाता था. मुंबई अटैक्स में भी यह हैंडलर था.”
‘दुनिया कहती है हाफिज सईद आतंकवादी है’
मेजर जनरल सिवाच ने कहा, "हाफिज सईद ने एक फ्रंट ऑर्गेनाइजेशन भी शुरू की थी, लेकिन वह एक मुखड़ा था. उसने चुनाव भी लड़ा. लेकिन सबको पता चल गया था कि वह एक इंटरनेशनल टेररिस्ट है.”
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