कनाडा-चीन विवाद: एक सर्वे में कनाडा के 80 फीसद से ज्यादा लोगों ने चीनी उत्पाद के बहिष्कार का समर्थन किया है. कनाडा-चीन के बीच वर्तमान गतिरोध को 91 फीसद कनाडाई नागरिकों ने ‘गंभीर’ माना है. जबकि 93 फीसद लोगों का कहना है कि चीन पर मानव अधिकारों के सिलसिले में विश्वास नहीं किया जा सकता.
एशिया महाद्वीप में निर्मित चीनी उत्पाद के प्रति कनाडा के लोगों की राय सामने आई है. एक सर्वे में शामिल 80 फीसद कनाडाई नागिरकों ने चीनी उत्पाद के बहिष्कार का समर्थन किया है. सर्वे करनेवाली एजेंसी ‘अंगस रीड इंस्टीट्यूट’ (ARI) ने बताया, “सर्वे में शामिल 81 फीसद लोगों ने माना कि चीन के उत्पाद का बहिष्कार कर सख्त संदेश देना चाहिए.” सर्वे में शामिल 90 फीसद कनाडा के लोगों ने माना कि चीन और कनाडा के बीच तनातनी ‘गंभीर’ है. चीन के प्रति लोगों की नाराजगी एक ऐसे समय में सामने आई है जब दो कनाडाई नागरिकों को चीन ने जासूसी के आरोप में बंद कर दिया है. जेल में बंद लोगों में एक पूर्व राजनयिक भी शामिल हैं.
कनाडा-चीन विवाद के बीच सर्वे
कनाडा की सरकार ने चीन के इस कदम का विरोध जताते हुए कार्रवाई को ‘मनमाना’ बताया है. उसने चीन पर बंधक बनाओ कूटनीति का आरोप लगाया है. उसने चीन की दूरसंचार कंपनी ह्वाई के एक अधिकारी की गिरफ्तारी पर अपने दो नागिरकों की गिरफ्तारी को बदले की कार्रवाई की कोशिश करार दिया. चीनी कंपनी के अधिकारी को दिसंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था. जहां उसके खिलाफ बैंक धोखाधड़ी का मामला चल रहा है.
प्रधानमंत्री ट्रूडो के प्रति समर्थन
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पहले ही इस तरह के अदला-बदली की कार्रवाई को नामंजूर कर दिया है. इस तरह का विचार 19 मशहूर हस्तियों की तरफ से सामने आया था. सर्वे से पता चल रहा है कि लोगों ने प्रधानमंत्री के कदम का समर्थन किया है. सर्वे करनेवाली एजेंसी का कहना है कि कनाडा के ज्यादातर लोग सरकार के साथ एकजुट हैं. सर्वे में शामिल 72 फीसद लोगों ने चीन के साथ जारी तनातनी के बीच प्रधानमंत्री ट्रूडो पर भरोसा जताया है. एजेंसी का दावा है कि चीन विरोध की भावना सभी वर्ग के लोगों में देखी गई.
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