पाकिस्तान: भारत के दबाव में आतंकियों पर एक्शन, हाफिज सईद के संगठन पर बैन, मसूद अजहर का बेटा हिरासत में
भारत के दबाव में पाकिस्तान ने आतंकी हाफिज सईद के दो संगठनों को बैन कर दिया है. साथ ही पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर के भाई और बेटे समेत 44 आतंकियों को हिरासत में लिया है.
इस्लामाबाद: मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात उद दावा (जेयूडी) और उससे जुड़ी संस्था फला ए इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) को मंगलवार को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में औपचारिक रूप से डाला गया. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारतीय मीडिया ने सोमवार को खबर दी थी कि ये दोनों संगठन केवल निगरानी वाली सूची में बने हुए हैं.
पाकिस्तान के राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (एनसीटीए) की मंगलवार को अपडेटेड सूची के अनुसार, जेयूडी और एफआईएफ उन 70 संगठनों में शामिल हैं जिन पर गृह मंत्रालय ने आतंकवाद रोधी कानून 1997 के तहत पाबंदी लगाई है. सूची के नीचे लिखा है, ‘‘यह सूची पांच मार्च 2019 तक अपडेटेड है और इसे एनसीटीए ने गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचनाओं के आधार पर तैयार किया है.’’
आतंकी गतिविधियों में शामिल दोनों संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही पाकिस्तान ने पुलवामा में आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के बेटे और भाई पर एक्शन लिया. प्रशासन ने बेटे और भाई सहित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के 44 सदस्यों को मंगलवार को हिरासत में ले लिया.
'अजहर पर बैन के लिए भारत की गोलबंदी' मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए भारत, चीन सहित सुरक्षा परिषद के अन्य 14 सदस्यों से मिलकर अपनी बात रखेगा. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. वैश्विक आतंकी घोषित करने का एक प्रस्ताव अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष बीते सप्ताह रखा था. सूत्रों ने बताया कि परिषद के सदस्य इस प्रस्ताव पर थोड़ा और स्पष्टीकरण चाहते हैं.
अजहर पर प्रतिबंध लगने के बाद उसकी वैश्विक यात्राओं पर रोक लगने के साथ साथ उसकी संपत्तियां और पहले से रखे हथियार जब्त हो सकेंगे. बीते दस सालों में संयुक्त राष्ट्र में अजहर को प्रतिबंधित करने का यह चौथा प्रयास होगा.
पाकिस्तान ने उसकी सरजमीं पर सक्रिय आतंकी संगठनों पर लगाम कसने के लिए वैश्विक समुदाय के बढ़ते दबाव के बीच यह कार्रवाई की है. गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘(बैठक में) सभी प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने का फैसला किया गया. इसके अनुरूप, मुफ्ती अब्दुल रऊफ और हम्माद अजहर सहित प्रतिबंधित संगठनों के निगरानी वाले 44 सदस्यों को जांच के लिए ऐहतियाती हिरासत में लिया गया है.’’
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बाद में, गृह राज्यमंत्री शहरयार खान अफरीदी ने संवाददाता सम्मेलन में पुष्टि की कि आतंकी संगठनों पर कार्रवाई के तहत 44 लोगों को हिरासत में लिया गया. गृह मंत्रालय के सचिव आजम सुलेमान खान ने कहा कि हम्माद अजहर और मुफ्ती अब्दुल रऊफ मंगलवार को गिरफ्तार लोगों में शामिल हैं. हम्माद, मसूद अजहर का बेटा जबकि रऊफ उसका भाई है.
खान ने कहा कि भारत द्वारा पिछले सप्ताह पाकिस्तान को सौंपे गये डॉजियर में रऊफ और हम्माद अजहर के नाम शामिल थे. उन्होंने कहा, ‘‘इसका यह अर्थ नहीं कि केवल उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है जिनके नाम डॉजियर में शामिल हैं.’’
यह कार्रवाई ऐसे समय की गई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है. जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे.
भारत ने जैश ए मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान को एक डॉजियर सौंपा था जिसके बाद इस्लामाबाद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा आतंकवादी के रूप में चिन्हित व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बना.
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पिछले सप्ताह स्वीकार किया था कि जैश ए मोहम्मद का सरगना पाकिस्तान में ही है और वह ‘बहुत बीमार’ है. हालांकि कुरैशी ने कहा कि अगर भारत अदालत में टिकने लायक ‘‘ठोस’’ साक्ष्य देता है, तभी सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है.
कुरैशी ने सीएनएन को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘मेरी जानकारी के अनुसार, वह पाकिस्तान में है. वह इतना बीमार है कि वह अपना घर छोड़कर भी नहीं जा सकता क्योंकि वह सच में बीमार है.’’
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अफरीदी ने हालांकि कहा कि यह कार्रवाई किसी दबाव में नहीं की गई है. उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी अपनी पहल है... हम किसी देश के खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देंगे.’’
गृह सचिव खान ने कहा कि राष्ट्रीय कार्रवाई योजना के तहत सभी प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यह योजना 2014 में पेशावर के एक सेना स्कूल पर हुए हमले के बाद बनाई गई थी. इस हमले में ज्यादातर बच्चों सहित करीब 150 लोग मारे गये थे. उन्होंने कहा कि दो सप्ताह तक अभियान जारी रहेगा और साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी.