नई दिल्ली: तालिबान सरकार के खिलाफ दो दिन पहले ही दुनियाभर मे तैनात अफगानी राजदूतों की खुली बगावत के बाद अब संयुक्त राष्ट्र में अफगानी प्रतिनिधि गुलाम इसकजाई ने संयुक्त राष्ट्र से नई तालिबानी सरकार को मान्यता नहीं देने की अपील की है. गुलाम इसकजाई ने अपने बयान में पंजशीर का मामला उठाते हुए कहा कि हमनें पंजशीर मे तालिबानी आतंक को देखा और ये भी देखा कि किस तरह वहां विदेशी आतंकियों और खुफिया आकाओं की मदद से दमन किया गया है. साफ है यहां उनका इशारा पाकिस्तान और हालिया पाकिस्तानी ISI प्रमुख के काबुल दौरे से था.


'UN में नहीं मिले मान्यता'
संयुक्त राष्ट्र में अफगानी प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र से तालिबानी सरकार को मान्यता नहीं देने का आह्वान किया है. साथ ही गुलाम इसकजाई ने काबुल में महिला प्रदर्शनकारियों पर तालिबानी ज्यादतियों और पत्रकारों की बेरहमी से तालिबान द्वारा की गई पिटाई का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 9/11 हमले की बरसी पर दुनिया भर के अफगानिस्तान को पीठ दिखा नई तालिबानी व्यवस्था को कबूल नहीं कर सकता.


राजदूतों ने किया बगावत का ऐलान
गौरतलब है कि दो दिनों पहले ही दुनिया भर में तैनात अफगानी राजदूतों ने खुली बगावत का ऐलान किया. एक बयान जारी करते हुए राजदूतों ने कहा था कि नई तालिबानी सरकार गैर संवैधानिक है और वे अफगानिस्तान के पुराने झंडे के साथ ही पुरानी सरकारी व्यवस्था के मुताबिक ही काम करते रहेंगे. अब देखना दिलचस्प होगा कि कि अफगानिस्तान में नई तालिबानी सरकार इसपर क्या रुख अपनाती है.


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