Afghanistan Taliban War: अफगानिस्तान में तालिबान के लड़ाके वहां के 60 फीसदी से ज्यादा इलाकों पर अपना कब्जा कर चुके हैं. गजनी पर कब्जा करने के बाद अब अफगानिस्तान के 10 प्रांतीय राजधानी पर तालिबान का कब्जा हो चुका है. अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के बीच अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात और उसके नए क्षेत्रों पर तालिबान के नियंत्रण के बीच पस्त पड़ी अफगानिस्तान सरकार ने सुलह के लिए उग्रवादी संगठन को प्रस्ताव दिया है.


समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, कतर में अफगानिस्तान सरकार की तरफ से वार्ताकारों ने युद्धग्रस्त देश में लड़ाई को खत्म करने के एवज में उसे सत्ता में भागीदारी का प्रस्ताव दिया है.






अफगान सरकार के नियंत्रण से खिसक रही जमीन


लगातार बढ़त बना रहे तालिबान से काबुल को सीधे कोई खतरा नहीं है लेकिन उसकी तेज बढ़त सवाल खड़े करती है कि अफगान सरकार अपने पास बचे इलाकों को आखिर कब तक नियंत्रण में रख पाएगी.


संभवत: सरकार राजधानी और कुछ अन्य शहरों को बचाने के लिए अपने कदम वापस लेने पर मजबूर हो जाए क्योंकि लड़ाई के कारण विस्थापित हजारों लोग काबुल भाग आए हैं और खुले स्थानों और उद्यानों में रह रहे हैं. गजनी प्रांत के परिषद सदस्य अमानुल्ला कामरानी ने एपी को बताया कि शहर के बाहर बने दो बेस अब भी सरकारी बलों के कब्जे में हैं.


इस बीच अफगानिस्तान के सबसे बड़े शहरों में से एक लश्कर गाह में लड़ाई तेज हो गई है. हेलमंड से सांसद नसीमा नियाजी ने बताया कि बुधवार को आत्मघाती कार बम हमले में राजधानी के क्षेत्रीय पुलिस मुख्यालय को निशाना बनाया गया था. गुरूवार को तालिबान ने मुख्यालय पर कब्जा कर लिया और कुछ पुलिस अधिकारियों ने उनके सामने आत्मसमर्पण कर दिया तो कुछ ने नजदीक के गवर्नर्स कार्यालय में शरण ली जो अब भी सरकारी बलों के कब्जे में है.


एक हफ्ते में सैकड़ों आतंकियों को तालिबान ने छुड़ाया


नियाजी ने बताया कि प्रांतीय कारागार पर भी आत्मघाती कार बम हमला हुआ हालांकि इस पर अब भी सरकारी बलों का कब्जा है. लेकिन तालिबान बीते एक हफ्ते में अपने सैकड़ों आतंकवादियों को छुड़वा चुका है तथा हथियारों और वाहनों पर कब्जा कर चुका है.


नियाजी ने इलाके में हवाई हमलों की निंदा की और आशंका जताई कि इसमें आम नागरिक मारे जा सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘तालिबान के लड़ाके स्वयं को सुरक्षित करने के लिए आम लोगों के घरों का इस्तेमाल करते हैं और सरकार नागरिकों की परवाह किए बगैर हवाई हमले कर रही है.’’ माना जा रहा है कि अमेरिकी वायु सेना हवाई हमलों में अफगान बलों की मदद कर रही है. अमेरिकी बम हमलों में कितने लोग मारे गए हैं इसकी अभी जानकारी नहीं मिल पाई है.


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