Afghan Resistance Attack Taliban: अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबान और पंजशीर के नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट के बीच जंग छिड़ गई है. दोनों ही तरफ के अपने-अपने दावे हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजशीर के स्थानीय लोगों का कहना है कि इस दौरान तालिबान ने निहत्थे और निर्दोष 15 लोगों को हत्या कर दी, जो कि मानवाधिकार का उल्लंघन है. हालांकि तालिबान का कहना है कि उसने कहीं भी मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं किया है और ना ही किसी की हत्या की है.


दरअसल दोनों गुटों के बीच ये लड़ाई आज से नहीं बल्कि ईद के दिन को लेकर शुरू हुई थी. अब्दुल्ला खेल घाटी में जब तालिबान ने ईद की तारीख का ऐलान किया था तब नेशनल रेसिस्टेंट फ्रंट ने पंजशीर में उसके अगले दिन ईद मनाने का ऐलान किया था. इस बात को लेकर विवाद बढ़ता गया. जिसके बाद तालिबान ने नेशनल रेसिस्टेंट फ्रंट के विद्रोह को दबाने की कोशिश की लेकिन वो गोरिल्ला युद्ध की रणनीति से तालिबानी लड़ाकों पर छुपकर वार करते रहे और देखते ही कई तालिबानियों की हत्या कर दी. 


तालिबान ने बड़ी फौज के साथ पंजशीर घाटी को घेरा
तालिबान इस घटना का बदला लेने के लिए एक बड़ी फौज के साथ पूरे पंजशीर घाटी को घेर लिया है. तालिबान पंजशीर घाटी में नेशनल रेसिस्टेंट फ्रंट के उन विद्रोहियों की तलाश कर रही है जिन्होंने तालिबानी लड़ाकों की हत्या की थी, वहीं पंजशीर के एनआरएफ के लड़ाके पहाड़ियों और जंगलों में छुप गए हैं जिसकी वजह से तालिबानी हमलावर गुस्से में वहां के स्थानीय नागरिकों को प्रताड़ित कर रहे हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक इस दौरान तालिबान ने 15 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी है ये नागरिक निहत्थे थे. तालिबान ने यहां पर मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है. हालांकि तालिबान ऐसी किसी भी घटना से इनकार कर रहा है. 


पंजशीर के स्थानीय लोगों ने बतायी तालिबान का जुल्म की दास्तां
जब एक स्थानीय निवासी ने मीडिया से बातचीत की तो उसने बताया कि उसके बुजुर्ग रिश्तेदार को तालिबानी लड़ाकों ने गोली मारकर हत्या कर दी जबकि वो बिना हथियार के थे. उन्होंने मीडिया को बताया कि उसके निहत्थे बुजुर्ग रिश्तेदार को समूह ने गोली मार दी थी. वहीं एक अन्य स्थानीय नागरिक ने बताया कि उसके पड़ोसी को तालिबानी लड़ाकों ने तब तक पीटा जब तक कि वो बेहोश नहीं हो गये थे. 1990 के दशक में जब तालिबान ने पहली बार सत्ता पर कब्जा किया था तब तालिबान के इस कार्यकाल के दौरान पंजशीर उनकी सत्ता का सबसे बड़ा विरोधी था.


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