Taliban Decree: अफगानिस्तान पर जब से तालिबान ने कब्जा करके अपनी सरकार बनाई है, तब से कई फरमान ऐसे सामने आए हैं जिसने हैरान किया है. इनमें से महिलाओं से संबंधित कई फैसले रहे हैं. हालांकि इनमें से कई तालबानी फरमानों पर विरोध भी देखने को मिला है. इसी क्रम में एक नया फरमान सामने आया है जिसमें महिलाओं के एनजीओ में काम करने प्रतिबंध लगा दिया है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने अफगानिस्तान के टोलो न्यूज के माध्यम से कहा है कि अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार ने शनिवार, 24 दिसंबर 2022 को सभी स्थानीय और विदेशी गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को महिला कर्मचारियों को काम पर आने से अगली घोषणा तक रोकने का आदेश दिया है. अफगानिस्तान के अर्थव्यवस्था मंत्रालय ने इस बाबत स्थानीय और विदेशी गैर-सरकारी संगठनों को पत्र जारी किया है. इससे पहले, हाल ही में तालिबान ने अफगान लड़कियों के लिए विश्वविद्यालय शिक्षा पर बैन लगाया है.
क्या कहा तालिबान ने?
तालिबान के प्रवक्ता अब्दुल रहमान हबीब ने कहा है कि अगर कोई एनजीओ आदेश का पालन नहीं करता है तो अफगानिस्तान में उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल रहमान हबीब ने इस आदेश की पुष्टि की है. अभी कुछ दिन पहले ही तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं को विश्वविद्यालय की शिक्षा लेने से भी वंचित कर दिया है और विश्वविद्यालय में उन्हें पढ़ाई करने से रोक दिया.
तालिबानी फरमान को लेकर गुस्सा
अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार के खिलाफ लगातार गुस्सा देखा जा रहा है. इससे पहले हाल ही में तालिबान के उच्च शिक्षा प्रमुख ने अफगान लड़कियों के लिए विश्वविद्यालय शिक्षा पर बैन लगाने का कारण बताया था. उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि महिलाओं का पुरुषों से मेलजोल रोकने के लिए उन्हें विश्वविद्यालयों में शिक्षा लेने से प्रतिबंधित किया गया है.
इसके अलावा, विश्वविद्यालय में लागू ऐसे पाठ्यक्रम जो इस्लामी कानून और अफगान गौरव के विपरीत हैं, इस्लामी मूल्यों का उल्लंघन कर रहे थे. उनके कारण भी ये फैसला लिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि छात्रावासों में महिलाओं की मौजूदगी, बिना पुरुष साथियों के प्रांतों से उनका आना-जाना और हिजाब की नाफरमानी को देखते हुए लड़कियों के लिए विश्वविद्यालयों को बंद करने का फैसला लिया गया.
महिलाओं ने किया विरोध
काबुल की सड़कों पर दो दर्जन महिलाओं ने इस कदम के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया है. घरेलू स्तर पर कई अफगान क्रिकेटरों ने विश्वविद्यालय में महिलाओं के प्रवेश पर रोक की निंदा की. अफगानिस्तान में क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेल है और सोशल मीडिया पर खिलाड़ियों के हजारों फॉलोवर्स हैं. इसके अलावा, दुनियाभर में तालिबान के इस फैसली की घोर निंदा की गई.
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