ताशकंद: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तालिबान को लेकर तनातनी जारी है. ताशकंद में अफगानी राष्ट्रपति ने भी सरेआम तालिबान का साथ देने का आरोप लगाया है. अफगानिस्तान बार-बार पाकिस्तान पर तालिबान का साथ देने के आरोप लगा रहा और पाकिस्तान इन आरोपों से पल्ला झाड़ने से बाज नहीं आ रहा.
पहले उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह नें ट्वीट कर कहा कि पाक की वायुसेना तालिबान को एयर सपोर्ट मुहैया करवा रही है. अब अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी सरेआम पाकिस्तान पर बरस पड़े, अफगानिस्तान की मौजूदा हालात के लिए पाक को जिम्मेदार ठहरा दिया.
अशरफ गनी ने कहा, ''खुफिया अनुमान संकेत देते हैं कि पिछले महीने पाकिस्तान और अन्य स्थानों से 10,000 से अधिक जिहादी लड़ाके दाखिल हुए हैं.'' अशरफ गनी जब ये आरोप लगा रहे थे उस वक्त इमरान खान भी मंच पर मौजूद थे. मौका ताशकंद में आयोजित एक अंतरराष्टीय शिखर सम्मेलन का था.
इमरान ने आरोपों से पल्ला झाड़ा
जहां भारत, चीन, रूस और सउदी अरब जैसे कई बड़े देश शामिल थे. अब दुनियाभर के नेताओं के सामने अपनी बेइज्जती होते देख इमरान खान झल्ला गए. इमरान ने शांति का हवाला देते हुए कहा, ''मुझे निराशा होती है कि अफगानिस्तान में जो कुछ हो रहा है उसके लिए हमें दोषी ठहराया गया. राष्ट्रपति गनी को मैं बताना चाहता हूं कि अफगानिस्तान में अशांति से सबसे ज्यादा पाकिस्तान प्रभावित हुआ है. पिछले 15 सालों में पाकिस्तान में 70 हजार लोगों की जान गई है. अगर कोई अंतिम चीज है तो वो है कि पाकिस्तान अब और संघर्ष नहीं चाहता है.''
पाकिस्तान हमेशा खुद को आतंक से त्रस्त देश कहता है. अब इमरान खान कितनी भी गवाही दे दें लेकिन तालिबान को उसका समर्थन उसकी बात को हर बार की तरह गलत साबित कर रहा है.
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