Afghanistan: तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में महिलाओं के हालात बेहद ही ख़राब हैं. आए दिन महिलाओं को लेकर सख्त नियम कानून बनते रहते हैं. इसी बीच अब अफगान महिलाओं के लिए नया फरमान जारी किया गया है, जिसके अनुसार महिलाएं UN के लिए काम नहीं कर सकेंगी. इसके लिए तालिबान ने अफगान की महिलाओं पर बैन लगा दिया है. इसको लेकर शनिवार को काबुल में विरोध प्रदर्शन हुआ.
अगले सप्ताह होने वाले संयुक्त राष्ट्र के शिखर सम्मेलन से पहले, अफगान महिलाओं ने शनिवार को काबुल में रैली की. उन्होंने मांग की कि अन्य देश तालिबान शासन को औपचारिक रूप से मान्यता देने से परहेज करें. उन्होंने देश में हो रहे महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन का जिक्र किया. इस दौरान 25 महिलाओं के समूह ने नारेबाजी भी की. हालांकि यह प्रदर्शन बहुत देर तक नहीं चला. करीब 10 मिनट में ये महिलाएं अपनी बात कह कर हट गईं.
महिलाओं के पक्ष में है UN
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में 90 से अधिक देशों ने अफगानिस्तान में महिलाओं पर लगाए गए प्रतिबंध को तत्काल खत्म करने के लिए स्वीकृति दी. इसके लिए एक विशेष प्रस्ताव पारित किया गया. प्रस्ताव में अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की पूर्ण, समान, सार्थक और सुरक्षित भागीदारी का भी आह्वान किया गया.
गौरतलब है कि 2021 में तालिबान के सत्ता में वापस आने के बाद से महिलाओं के अधिकारों पर प्रतिबंध लग रहे हैं. ऐसे में महिलाएं सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट करती हैं लेकिन उनके साथ इस दौरान भी बेहद बुरा बर्ताव होता है. उन्हें लाठी डंडों से पीटकर या तो अलग किया जाता है. या फिर उन्हें हिरासत में लिया जाता है. मालूम हो कि 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से अब तक किसी भी देश ने सरकार को वैध नहीं माना है.
1996 से 2001 तक शासन करने वाली पिछली तालिबान सरकार को केवल तीन देशों - पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ने औपचारिक मान्यता दी थी. अफगानिस्तान में तालिबान सरकार आने के बाद से ही महिलाओं को प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रह है. जिस वजह से तालिबान की दुनिया भर में निंदा हो रही है. हालांकि तालिबान की सेहत पर बहुत फर्क नहीं पड़ रहा है.
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