Afghan Schoolgirls Poisoned: पहले 600 बच्चियों को जहर तो अब 80 छात्राओं पर पॉइजन अटैक, अफगानिस्तान में क्या हो रहा है
Afghanistan: ईरान और अफगानिस्तान में तरह-तरह की पाबंदियों से महिलाओं की जिंदगी बदहाल तो है ही, वहां उन्हें पॉइजन अटैक से भी निशाना बनाया जा रहा है. काबुल के नजदीक स्कूली बच्चियों को जहर दिया गया.
Poison Attack on Afghanistan Girls: इस्लामिक मुल्क ईरान (Iran) के बाद अब अफगानिस्तान (Afghanistan) में भी लड़कियों को जहर देने की घटना सामने आई है. यहां पर, उत्तरी इलाके में दो अलग-अलग स्कूलों में प्राइमरी क्लासेस में पढ़ने वाली दर्जनों लड़कियों को जहर दे दिया गया. जहर से लड़कियां तड़पने लगीं, और कई की हालत बेहद खराब हो गई. इलाके के शिक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत है, और अगस्त 2021 में काबुल पर तालिबान के काबिज होने के बाद लड़कियों को जहर दिए जाने का यह पहला मामला है. इससे पहले अफागानिस्तान में 2015 में भी लड़कियों को जहर दिया गया था, हालांकि तब तालिबान सत्ता में नहीं था. वो घटना हेरात प्रांत की थी, जहां 600 स्कूली लड़कियों को जहर दिया गया था.
तालिबानी हुकूमत में खतरे में 'आधी आबादी' का फ्यूचर
हैरत की बात यह है कि अफगानी लड़कियों को जहर देने वालों का पता नहीं चला, दोनों घटनाओं में किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली. हालांकि, कई मानवाधिकार संगठन इन घटनाओं में तालिबान का हाथ बता रहे हैं, क्योंकि तालिबान का रवैया महिलाओं को लेकर बेहद सख्त रहा है. और, अफगानिस्तान की सत्ता में आने के बाद तो तालिबान ने ऐसे-ऐसे फैसले लिए हैं कि यूएन (संयुक्त राष्ट्र) भी उसे नहीं रोक पा रहा. देश के कई इलाकों में तालिबान ने यूएन के मिशन में काम करने वाली महिलाओं पर भी पाबंदियां लगा दीं.
6वीं क्लास से आगे पढ़ाई पर लगा दिया गया बैन
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान पहले ही लड़कियों के 6वीं क्लास से आगे पढ़ाई करने पर रोक लगा चुका है. अब, जिन स्कूलों में लड़कियों को जहर दिया गया है वो अफगानिस्तान के सर-ए-पुल प्रांत में हैं. दोनों स्कूल एक दूजे के आस-पास बताए जा रहे हैं. अभी इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि जहरखुरानी की शिकार लड़कियों की उम्र क्या है और वो कौन सी क्लास में पढ़ती हैं. इसी साल की शुरूआत में ईरान में भी हजारों लड़कियों पर पॉइजन अटैक हुआ था, जिसमें कई लड़कियों ने जान गंवाई थी.
उठ रहे सवाल क्या महिलाएं ऐसे ही निशाने पर रहेंगी
ईरान की तरह अफगानिस्तान भी एक घोषित इस्लामिक राष्ट्र है, और वहां 95% से ज्यादा आबादी मुसलमानों की ही है. देानों देशों ने हिजाब और बुर्के को अनिवार्य कर रखा है. इसके अलावा, वहां महिलाओं को कार्यस्थलों पर या तो जाने ही नहीं दिया जाता, और महिलाएं यदि काम पर जाती भी हैं तो सिर से पैर तक पूरा बदन ढका रखना पड़ता है. बहरहाल, जहर दिए जाने की घटना पर मानवाधिकार संगठन अफगानिस्तान की तालिबानी हुकूमत को कोस रहे हैं, सवाल उठ रहे हैं कि इस्लामिक मुल्क में आखिर हो क्या रहा है, और क्या महिलाएं इसी तरह कट्टरपंथियों के निशाने पर रहेंगी.
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