Afghanistan Crisis: तालिबान राज में कलाकारों को बनाया जा रहा निशाना, दूसरे देशों में शरण लेने को हुए मजबूर, भारत से लगाई ये गुहार
Afghanistan Crisis: प्रख्यात कलाकार उमेदी शरीफी ने कहा- तालिबान के पास सब कुछ काला और कुछ सफेद है. उनके पास कोई रंग नहीं हैं, इसलिए वो कलाकारों को नापसंद करते हैं.
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Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण के बाद अब वहां की स्थिति बदतर हो चुकी है और लोग जान बचाकर किसी तरह से भागने में लगे हुए हैं. तालिबान के कब्जे के बाद कोई भी वहां पर अपने आपको महफूज महसूस नहीं कर रहा है. अफगानिस्तान में पत्रकारों से लेकर कलाकारों तक को नहीं बख्शा जा रहा है. ऐसे में अब वहां के कलाकार न सिर्फ दूसरे देशों से मदद की गुहार लगा रहे हैं बल्कि शरण पाने के लिए वीजा की मांग कर रहे हैं.
आज अफगानिस्तान में कलाकारों की हालत ऐसी हो चुकी है कि पेंटिंग्स बनाने वाली संस्था आर्टोर्ड्स के संस्थापक और प्रख्यात कलाकार उमेदी शरीफी को महज एक जोड़े कपड़े में भागना पड़ा. अफगानिस्तान में लोक कलाकार फवाद अंद्राबी को तालिबान के हाथों गोली मारे जाने की घटना पर एबीपी न्यूज़ ने शरीफी से बात की, जो इस वक्त अबू धाबी में मौजूद हैं. उन्होंने कहा- अफगानिस्तान के कलाकार बेहद संकट में हैं. उन्हें निशाना बनाया जा रहा है, कलकार डरे हुए हैं, छुपे हुए हैं क्योंकि वो लोग अपनी हिफाज़त नहीं कर सकते. वो लोग कोई लड़ाके नहीं हैं.
शरीफी ने कहा- तालिबान के पास सब कुछ काला और कुछ सफेद है. उनके पास कोई रंग नहीं हैं, इसलिए वो कलाकारों को नापसंद करते हैं. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद थी कि काबुल इतनी जल्दी नहीं गिरेगा. लेकिन 15 तारीख को बेहद जल्द ही सब बदल गया. हम भी किसी तरह जान बचाकर एयरपोर्ट पहुंचे.
उन्होंने कहा कि हमें भारत से बहुत उम्मीद थी. भारत इस पूरे क्षेत्र में कला और कलाकारों का बड़ा केंद्र है. लेकिन अफसोस, हमें भारत से कोई मदद नहीं मिली. हम केवल इतना चाहते थे कि हमें वीज़ा दे दिए जाएं. हम और कुछ नहीं चाह रहे थे. हम सब जगह फोन करते रहे लेकिन किसी का जवाब तक नहीं आया. हम कलाकार इस रवैये से बहुत मायूस हैं.
शरीफी ने आगे कहा कि तालिबान कोई हमेशा के लिए नहीं आए हैं. पिछली बार भी वो करीब 4 साल ही रहे थे. लेकिन अफ़ग़ानिस्तान रहेगा, उसके लोग रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी और भारत जैसे देश की सरकार इस बात को समझें और अफगानिस्तान के कलाकारों की मदद करे. अफगानिस्तान की कला को बचाने के लिए सबको आगे आना होगा. वरना तालिबान के राज में न कला बचेगी और कलाकार.
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