Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में प्राइवेट सेक्टर की हालत खस्ता, अर्थव्यवस्था को लेकर अधिकारियों ने दी बड़ी चेतावनी
Afghanistan Crisis: प्राइवेट सेक्टर के प्रतिनिधियों ने अफगानिस्तान के रिज़र्व को अमेरिका द्वारा फ्रीज़ करने को मानवीय कानूनों के खिलाफ बताया.
Afghanistan Crisis: अमेरिकी सेना के जाने और तालिबान के कब्ज़ा करने के बाद अब अफगानिस्तान एक बड़े आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा है. अफगानिस्तान के निजी क्षेत्र (प्राइवेट सेक्टर), अफगानिस्तान चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इनवेस्टमेंट (ACCI) और अफगानिस्तान चेंबर ऑफ माइंस एंड इंडस्ट्री (ACMI) ने काबुल में सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और देश को आगाह किया कि अगर अफगानिस्तान के रिज़र्व को जारी नहीं किया गया तो देश आर्थिक संकट में डूब जाएगा.
प्राइवेट सेक्टर के प्रतिनिधियों ने अफगानिस्तान के रिज़र्व को अमेरिका द्वारा फ्रीज़ करने को मानवीय कानूनों के खिलाफ बताया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से अफगानिस्तान के लोगों के हक की हिफाज़त करने का आह्वान किया.
प्राइवेट सेक्टर के अधिकारियों के मुताबिक पिछले एक महीने के दौरान अफगानिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय बैंक के बीच बैंकिंग सिस्टम में आए व्यवधान के चलते सभी आर्थिक लेनदेन बंद हो गया है. उन्होंने कहा कि अगर ये जारी रहता है तो प्राइवेट सेक्टर को गंभीर मंदी का सामना करना पड़ेगा. अधिकारियों ने ये भी कहा कि बैंकिंग सिस्टम में रुकावट और अफगानिस्तान की संपत्तियां फ्रीज़ होने के चलते वो अब तक करोड़ों डॉलर गंवा चुके हैं.
ACCI के डायरेक्टर यूनुस मोहम्मद ने कहा, "हम अमेरिका और दुनिया से फ्रीज़ की हुई संपत्तियों के मुद्दे को हल करने का आह्वान करते हैं. क्योंकि वो पैसा अफगानिस्तान के लोगों का है. अगर आपको सरकार या किसी व्यक्ति के साथ कोई राजनीतिक मसला है, तो आपको लोगों के पैसे को बंधक नहीं बनाना चाहिए."
ACMI के अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर फैक्टरियां गंभीर आर्थिक कमी और कच्चे माल का सामना कर रहे हैं, क्योंकि वो पैसे नहीं निकाल सकते. उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने से लाखों कर्मचारियों को उनकी तनख्वाह नहीं दी गई है.