Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को पूरी तरह से वापस बुलाने के बाद अपने संबोधन में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि जो अमेरिका को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी. सैन्य वापसी के फैसले को उन्होंने पूरी तरह से सही ठहराया. उन्होंने देश की मिलिट्री के साहस की तारीफ की.


जो बाइडेन ने कहा, "मैं उन लोगों से स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं जो अमेरिका को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं या जो हमारे या सहयोगियों के खिलाफ आतंकवाद में लिप्त हैं, युनाइडेट स्टेट अमेरिका कभी आराम नहीं करेगा. हम माफ नहीं करेंगे, भूलेंगे नहीं. हम आपका शिकार करेंगे और आप अंतिम कीमत चुकाएंगे."


राष्ट्रपति ने कहा कि इस निकासी (अफगानिस्तान से) की सफलता हमारी सेना के निस्वार्थ साहस के कारण थी. ‘युद्ध के मिशन नहीं बल्कि दया के मिशन में’ उन्होंने दूसरों की सेवा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली. इतिहास में कभी किसी देश ने ऐसा नहीं किया, यह केवल अमेरिका ने किया.


जो बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति को समाप्त करने का फैसला लोगों, सैन्य सलाहकारों, सेवा प्रमुखों और कमांडर्स की सर्वसम्मत सिफारिश पर आधारित था. उन्होंने कहा, “मैं निर्णय की जिम्मेदारी लेता हूं. कुछ लोग कहते हैं कि हमें इसे जल्दी शुरू कर देना चाहिए था. मैं सम्मानपूर्वक असहमत हूं. अगर यह पहले होता, तो यह हड़बड़ी या गृहयुद्ध की ओर ले जाता.”


राष्ट्रपति ने कहा कि जमीन पर अमेरिकी की मौजूदगी के बिना हम अफगानिस्तान और अन्य देशों में आतंकवाद का मुकाबला जारी रखेंगे. उन्होंने कहा, “मेरा मानना ​​है कि यह 'सही निर्णय, बुद्धिमान निर्णय और सर्वोत्तम निर्णय' है. अफगानिस्तान में युद्ध अब समाप्त हो गया है. मैं इस युद्ध को समाप्त करने के लिए इस मुद्दे का सामना करने वाला चौथा राष्ट्रपति हूं... मैंने इस युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिकियों से प्रतिबद्धता की, मैंने इसका सम्मान किया."


जो बाइडेन ने कहा, "31 अगस्त को छोड़ना किसी मनमानी समय सीमा के कारण नहीं है, यह अमेरिकी जीवन को बचाने के लिए बनाया गया था. मेरे पूर्ववर्ती, पूर्व राष्ट्रपति ने 1 मई तक अमेरिकी सैनिकों को हटाने के लिए तालिबान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे." गौरतलब है कि जो बाइडेन ने कहा था कि अफगानिस्तान की धऱती से 31 अगस्त तक अमेरिकी सेना की पूरी वापसी हो जाएगी. इस मिशन को तय समयसीमा से 24 घंटे पहले 30 अगस्त को ही पूरा कर लिया गया.


Indian Envoy Meets Taliban Leader: कतर में भारत के राजदूत ने तालिबान के नेता मोहम्मद अब्बास से की मुलाकात


Pakistan on Taliban: अफगानिस्तान में तालिबान शासन को मान्यता देने को लेकर पाकिस्तान ने कही ये बात