अफगानिस्तान: मिलीजुली सरकार के लिए तालिबान को राजी करने के लिए दोहा जा रहे हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला
तालिबान के कब्जे का आज तीसरा दिन है लेकिन काबुल के हालात जस के तस बने हुए हैं. तालिबान के डर से हर तरफ अफरातफरी की माहौल है. हजारों विदेशी नागरिक काबुल से निकलने की कोशिश कर रहे हैं.
काबुल: अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन के लिए आज अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, अफगानिस्तान के पूर्व पीएम हिकमतयार और डॉक्टर अब्दुल्ला अब्दुल्ला दोहा रहे हैं. दोहा में यह सभी नेचा तालिबान के बड़े नेताओं से मिलकर उन्हें एक मिलीजुली सरकार बनाने के लिए राजी करने की कोशिश करेंगे.
इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. इस पोस्ट में कहा कि परिषद का नेतृत्व ‘हाई काउन्सिल फॉर नेशनल रीकन्सीलिएशन’ के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला, हिज्ब ए इस्लामी के प्रमुख गुलबुदीन हिकमतयार और वह खुद करेंगे.
बयान में कहा गया कि यह निर्णय अराजकता को रोकने, लोगों की समस्याओं को कम करने तथा शांतिपूर्वक सत्ता हस्तांतरण के लिए लिया गया है. हामिद करजई और डॉक्टर अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने साथ में एक वीडियो भी जारी किया था.
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का आज तीसरा दिन है लेकिन काबुल के हालात जस के तस बने हुए हैं. तालिबान के डर से हर तरफ अफरातफरी की माहौल है. हजारों विदेशी नागरिक काबुल से निकलने की कोशिश कर रहे हैं.
काबुल एयरपोर्ट पर भारी भीड़ है, लोग विमानों पर चढ़ने के लिए मारामारी कर रहे हैं, कल कई लोगों ने उड़ान भरने वाले विमानों पर लटकने की कोशिश की लेकिन उन्हें जान गंवानी पड़ी.
आज दोहा से काबुल पहुंचेंगे तालिबान नेता, मुल्ला बरादर हो सकता है नया राष्ट्रपति
काबुल में अफरा तफरी की तस्वीरें दुनिया के सामने हैं. लेकिन काबुल को लेकर एक मंथन कतर के दोहा में भी चल रहा है. तालिबान के बड़े नेता अफगानिस्तान में सरकार बनाने को लेकर आज कोई एलान कर सकते हैं.
अफगानिस्तान के नए राष्ट्रपति पद के लिए तालिबान जिस मुल्ला अब्दुल गनी बरादर का नाम आगे किया है वो भी दोहा में ही मौजूद है. ऐसी खबरें है कि आज तालिबान के बड़े नेता दोहा से काबुल आकर नई सरकार को लेकर कोई एलान कर सकते हैं. अफगानिस्तान में बदलती सत्ता ने दुनिया के समीकरण को भी हद तक बदलकर रख दिया है.
अफगानिस्तान के संकट पर क्या बोले अमेरिकी राष्ट्रपति?
अफगानिस्तान के मौजूदा संकट के लिए दुनिया अमेरिका को जिम्मेदार ठहरा रही है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफ कर दिया है कि उन्होंने जो भी फैसला लिया वो अमेरिका और अमेरिकी सेनाओं के लिए लिया है. बाइडेन ने कहा कि उन्हें अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है. लेकिन उन्होंने कहा कि वो अफगानिस्तान के लोगों की बेहतरी की कोशिशें जारी रखेंगे.
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