Afghanistan News: तालिबान राज का एक साल, पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह ने कहा- अफगानिस्तान के लिए है काला दिन
Afghanistan News: अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने भारत को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी और तालिबान शासन के एक साल पूरे होने पर कहा, ' आज अफगानिस्तान के लिए है काला दिन.'
Afghanistan News: आज भारत में एक तरफ जहां आजादी की 75वीं वर्षगांठ पूरे जोर शोर से मनाया जा रहा है. वहीं आज के दिन ही तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता पर काब्जा किए एक साल का समय पूरा हुआ. साल 2021 में आज के दिन ही तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था. वहीं देश में तालिबान शासन की पहली वर्षगांठ के तौर पर आज यानी 15 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है.
तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से भाग जाने के कुछ ही घंटों बाद पिछले साल 15 अगस्त को काबुल में प्रवेश करने वाले एक फाइटर नियामतुल्ला हेकमत ने कहा, "हमने जिहाद के दायित्व को पूरा किया और अपने देश को आजाद कराया."
वहीं अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने भारत को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'भारत को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं. जय हिन्द. 15 अगस्त भारत के लिए शुभ दिन है और अफगानों के लिए एक कड़वा संयोग है. आज के ही दिन जो पाक समर्थित तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया था. इस गलती को सुधारा जाएगा और यह काला बिंदु हमारे कैलेंडर से हटा दिया जाएगा.
Happy Independence Day to India . Jai Hind. August 15 is auspicious for India & a bitter coincidence for Afgs who mourn the creepy occupation of their country by the Pak backed Talib militias.This should be fixed & it will. This black dot will be removed from our calendar.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 15, 2022
हजारों लोग देश से भागना चाहते थे
दरअसल तालिबान लंबे वक्त से अफगानिस्तानी सेना और अमेरिका सेना के खिलाफ जंग लड़ रहा था. इसी दौरान साल 2021 के मई महीने में तालिबान ने अलग अलग इलाकों में जीत दर्ज की 15 अगस्त को काबुल में आकर रुका. हमले के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया और तालिबान ने राष्ट्रपति पैलेस पर अपना कब्जा जमा लिया. वहीं तालीबान शासन आने के बाद देश से लगभग हजारों लोगों ने देश छोड़ दिया. हालांकि अफगानिस्तान में फिलहाल तालिबान का शासन तो है यहां कि स्थिति बिगड़ती जा रही है. देश मंदी के दौर से गुजर रहा है. यहां महिलाओं की शिक्षा पर पाबंदी है. कई अफगानी देश छोड़ कर भाग गए.
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