Afghanistan-Pakistan: तालिबानी नेता की पाकिस्तान को धमकी, भारत के सामने 1971 में सरेंडर की तस्वीर शेयर कर कहा- अफगानिस्तान से दूर रहें
Afghanistan-Pakistan: तालिबानी नेता अहमद यासिर ने पाकिस्तान को बदनामी से बचने के लिए अफगानिस्तान से दूर रहने की भी चेतावनी दी.
Afghanistan-Pakistan: तालिबानी नेता अहमद यासिर ने 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध की एक तस्वीर शेयर करके पड़ोसी देश को चिंता में डाल दिया है. दरअसल, अहमद यासिर ने 1971 में भारत के सामने पाकिस्तान के आत्मसमर्पण की एक तस्वीर के शेयर की है, जिसमें इस्लामाबाद का मजाक उड़ाया गया है. इस तस्वीर में पाकिस्तान के टूटने और बांग्लादेश के गठन को दिखाया गया है.
तालिबानी नेता अहमद यासिर ने पाकिस्तान को बदनामी से बचने के लिए अफगानिस्तान से दूर रहने की भी चेतावनी दी. बता दें कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को जंग की धमकी दी है और इसी के बीच अफगानिस्तान ने भारत समर्थित ये तस्वीर शेयर की है.
पाकिस्तान के मंत्री के बयान पर मचा बवाल
अफगानिस्तान के अंदर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों को निशाना बनाने के पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह का एक धमकी भरा बयान चर्चा में बना हुआ है. मंत्री राणा सनाउल्लाह ने एक पाकिस्तानी समाचार चैनल के साथ एक साक्षात्कार में कहा था कि "अगर काबुल ने उन्हें खत्म करने के लिए कार्रवाई नहीं की तो इस्लामाबाद अफगानिस्तान में टीटीपी को निशाना बना सकता है."
तालीबान का पाकिस्तान को जवाब
तालीबान ने पाकिस्तान को जवाब देते हुए कहा, "अफगानिस्तान बिना किसी मालिक के या बिना किसी वारिस के नहीं है और हमेशा की तरह, अपने देश और क्षेत्रीय सुरक्षा और अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए तैयार है." बयान में कहा गया है, "अफगानिस्तान के खिलाफ किसी भी तरह की आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. हम किसी भी हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं."
विदेश मंत्री बिलावल ने कार्रवाई के दिए संकेत
वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी अफगानिस्तान सरकार द्वारा टीटीपी पर लगाम लगाने में विफल रहने पर आतंकवादियों के खिलाफ सीधी कार्रवाई का संकेत दिया था.
अफगानिस्तान का बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान के शीर्ष नागरिक और सैन्य अधिकारी सोमवार को सभी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक के दूसरे दौर की बैठक में शामिल हुए, जहां आतंक की तेजी से फैलती लहर से निपटने के लिए एक नए सैन्य हमले के लिए अंतिम मंजूरी दी जाएगी.