Afghanistan Education: अफगानिस्तान में 544 दिनों से बंद हैं लड़कियों के स्कूल, पैरेंट्स ने दोबारा खोलने की लगाई गुहार
Afghanistan: अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद से यहां क्लास छह से ऊपर की लड़कियों की स्कूली शिक्षा पर प्रतिबंध है.
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Afghanistan Girl Education: अफगानिस्तान में कई माता-पिता और छात्रों ने तालिबान प्रशासन से लड़कियों के लिए माध्यमिक स्कूल फिर से खोलने का आग्रह किया है. अफगानिस्तान के खामा प्रेस के रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले 544 दिनों से लड़कियों का स्कूल बंद हैं.
अफगानिस्तान में शनिवार (18 मार्च) को छात्रों के माता-पिता ने अपने बच्चों के भविष्य के लिए चिंता व्यक्त की और अधिकारियों से उनकी बेटियों को स्कूल लौटने की अनुमति देने का आग्रह किया. परिवारों ने कहा कि स्कूलों के बंद होने का उनके बच्चों पर नेगेटिव प्रभाव पड़ा है क्योंकि उनमें से कुछ मानसिक विकार के शिकार हो गए थे. अभिभावकों ने नए टर्म से पढ़ाई शुरू करने के लिए 21 मार्च को छठी कक्षा के बाद स्कूल को फिर से खोलने के लिए कहा.
कक्षा छह से ऊपर की स्कूली शिक्षा बंद
तालिबान के तरफ से अफगानिस्तान के ऊपर कब्जा करने के बाद से कक्षा छह से ऊपर की स्कूली शिक्षा बंद कर दी गई है, जिसने बाद में पिछले साल दिसंबर में लड़कियों और महिलाओं को यूनिवर्सिटी में जाने और गैर सरकारी संगठनों के साथ काम करने से रोक दिया.
हालांकि अंतरिम प्रशासन ने जोर देकर कहा कि लड़कियों की शिक्षा पर रोक है. कुछ नियम बनाने के बाद ही वे इसकी अनुमति देंगे. वहीं डेढ़ साल से ज्यादा समय बीत चुका है, तब से स्कूल बंद है. अफगानिस्तान में यूनिवर्सिटी और स्कूलों में जाने वाली लड़कियों के लिए माहौल अभी भी सही नहीं है.
लड़कों के लिए स्कूल के दरवाजे खोले
पिछले साल 18 सितंबर को अफगानिस्तान के हाई स्कूलों ने लड़कों के लिए स्कूल के दरवाजे खोल दिए थे जबकि लड़कियों को तालिबान ने घर पर रहने का आदेश दिया था.तालिबान ने महिलाओं और लड़कियों के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संघ, विधानसभा और आंदोलन के अधिकारों पर कठोर प्रतिबंध लगाए हैं.
अफगानिस्तान में कक्षा छह से ऊपर की छात्राओं के स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगाने के तालिबान के फैसले की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक आलोचना हुई है. इसके अलावा, तालिबान शासन जिसने पिछले साल अगस्त में काबुल पर कब्जा कर लिया था. उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता को कम कर दिया है.
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