काबुल: पंजशीर में तालिबान को कड़ी टक्कर दे रहे नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट का कमांडर और NRF के प्रवक्ता फहीम दश्ती की तालिबान से जंग में मौत हो गई है. इस बात की जानकारी खुद NRF को तरफ से औपचारिक तौर पर दी गई. फहीम दश्ती के साथ ही पंजशीर के एक और ताकतवर जनरल अब्दुल वदोद जारा की भी मौत हो गई.


फहीम दश्ती को NRF नेता अहमद मसूद का बेहद भरोसेमंद और करीबी था. यही नहीं, वो अहमद मसूद के पिता अहमद शाह मसूद का भी करीबी था और 9/11 हमले से दो दिन पहले जिस आतंकी हमले में अहमद शाह मसूद मारा गए थे, फहीम दश्ती उस वक़्त वहीं मौजूद था और उस हमले में वो 90 फीसदी जल गया था. फहीम दश्ती की मौत NRF के लिए बहुत बड़ा झटका है.


31 अगस्त को ही फहीम दश्ती से एबीपी न्यूज ने बात की थी जिसमें दश्ती ने बताया था कि तालिबान पंजशीर पर कई तरफ से हमला करने की कोशिशें कर रहा है. मगर उसे हरा दिया गया है और पंजशीर बातचीत के जरिए समझौते को एक मौका दे रहा है. इस बीच आज एक अहम बयान जारी करके अहमद मसूद ने फिर से तालिबान के साथ बातचीत से मसले को सुलझाने की बात की है. संभव है कि फहीम दश्ती और अब्दुल वदोद जारा की मौत के बाद अहमद मसूद अब और खून नहीं बहाना चाहते हों. इसलिए उन्होंने एक बार फिर बातचीत से हल की बात की है. इस प्रस्ताव पर तालिबान का रुख देखना दिलचस्प होगा.


एक दिन पहले 600 तालिबानियों की मौत की दी थी खबर
फहीम दश्ती ने एक दिन पहले ही पंजशीर के उत्तर-पूर्वी प्रांत में करीब 600 तालिबानियों के मारे जाने और 1000 से ज्यादा तालिबानी लड़ाकों ने आत्मसमर्पण की खबर सुनाई थी. रेजिस्टेंस फोर्स के प्रवक्ता फहीम दश्ती ने ट्वीट में लिखा था, "पंजशीर के विभिन्न जिलों में 600 तालिबानियों का सफाया कर दिया गया है. एक हजार से अधिक तालिबान को पकड़ लिया गया है या उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है."


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