Afghanistan में लड़कियों की पढ़ाई पर पहरा! तालिबान ने यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम में बैठने पर लगाया बैन
Afghanistan Bans Female Students: अफगानिस्तान में तालिबान ने सभी प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को आदेश दिया है कि वह महिला छात्राओं को यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम में बैठने की अनुमति न दें.
Afghanistan Bans Female Students For Exams: अफगानिस्तान (Afghanistan) में कब्जा जमाने के बाद से तालिबान देश की महिलाओं और लड़कियों पर जुल्म ढा रहा है. महिलाओं पर ज्यादती के साथ उन्हें उनके अधिकारों से भी वंचित किया जा रहा है. महिलाओं की आजादी पर बैन तो लगाया ही जा रहा है, साथ ही उन्हें पढ़ने से भी रोका जा रहा है.
तालिबान (Taliban) ने नया फरमान जारी करते हुए यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम में बैठने पर रोक लगा दी है. तालिबान ने प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को आदेश दिया है कि वह छात्राओं को यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम में बैठने की अनुमति न दें.
लड़कियों को एंट्रेंस एग्जाम में बैठने से रोक
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक फीमेल स्टूडेंट्स को लेकर एक और फरमान सुनाते हुए तालिबान की ओर से संचालित हायर एजुकेशन मंत्रालय ने अफगानिस्तान में प्राइवेट यूनिवर्सिटी को यह आदेश भेजा है कि वो अगले महीने होने वाली यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा में महिला छात्राओं को बैठने से रोके. आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही गई है.
कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी
तालिबान के नेतृत्व वाले मंत्रालय का एक पत्र काबुल सहित अफगानिस्तान के उत्तरी प्रांतों के संस्थानों को भेजा गया है, जहां फरवरी के अंत से परीक्षा होने वाली है. पत्र में कहा गया है कि नियमों का पालन नहीं करने वाले संस्थानों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. उच्च शिक्षा मंत्रालय ने दिसंबर में यूनिवर्सिटी से कहा था कि अगली सूचना तक महिला छात्रों को एग्जाम में बैठने की अनुमति न दें.
अफगानिस्तान में महिलाओं का उत्पीड़न
अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन ने महिला एनजीओ कार्यकर्ताओं को काम करने से रोक दिया था. अधिकांश लड़कियों के हाईस्कूल भी अधिकारियों की ओर से बंद कर दिए गए हैं. महिलाओं के काम करने से रोकने और शिक्षा पर प्रतिबंध की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा की जा रही है. पश्चिमी राजनयिकों ने संकेत दिया है कि तालिबान को औपचारिक अंतरराष्ट्रीय मान्यता और अपने आर्थिक अलगाव को कम करने के लिए महिलाओं के प्रति अपनी नीतियों पर पाठ्यक्रम बदलने की जरूरत है.
तालिबान (Taliban) के कब्जे के कई महीने बाद भी अफगानिस्तान की आर्थिक हालात काफी खराब हैं. देश अभी भी गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. भारत समेत कई दूसरे देश अफगानिस्तान (Afghanistan) में मानवीय सहायता देते रहे हैं. वहीं, तालिबान महिलाओं को सताने के अपने पुराने रवैये पर ही कायम है.
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