Afghanistan Taliban News: क्या पहले से अब बदल गया तालिबान और भारत के सामने क्या है चुनौती? जानें एक्सपर्ट की राय
Afghanistan Taliban News: विवेक काटजू ने कहा कि चीन और रूस महाशक्ति है और चीन-रूस दोनों पाकिस्तान के जरिए तालिबान पर तबाव डालते हैं तो वह प्रेशर जरूर काम करेगा.
Afghanistan Taliban News: अफगानिस्तान की सत्ता में करीब 20 साल बाद दोबारा तालिबान की वापसी के बाद वहां के लोगों में भारी डर का माहौल है. एक तरफ जहां दुनिया शक की निगाहों से उसकी ओर देख रही है तो दूसरी तरफ तालिबान अपनी छवि को नए अंदाज में दुनिया सामने पेश करने में लगा हुआ है. ऐसे में इस वक्त यह सवाल उठ रहा है कि जिस तरह से बंदूक के बल पर तालिबान ने अशरफ गनी को सत्ता से बाहर किया है, उसके बाद वहां का क्या सूरत-ए-हाल होगा?
तालिबान का 20 साल का हिंसक इतिहास
तालिबान के नियंत्रण के बाद बने हालात पर बात करते हुए एबीपी न्यूज़ पर चर्चा के दौरान अफगानिस्तान में नियुक्त पूर्व भारतीय राजदूत विवेक काटजू ने कहा कि न कोई गुड होता है और न कोई बैड. विचारधाराएं होती हैं जो अच्छी या बुरी होती हैं. उन्होंने आगे कहा कि बेशक तालिबान का इतिहास हिंसक रहा है. लेकिन, उसे 20 साल में यह एहसास हो गया है और वह जानता है कि अगर पहले जैसा किया तो बहुत बुरा झेलना पड़ेगा.
काटजू ने आगे कहा कि चीन और रूस महाशक्ति है और चीन-रूस दोनों पाकिस्तान के जरिए तालिबान पर तबाव डालते हैं तो वह प्रेशर जरूर काम करेगा. उन्होंने कहा कि पहले जैसा करने पर उसे बहुत बुरा झेलना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि अगर इस वक्त हम यह बोलें कि ये सब झूठ है तो फिर इसका समाधान क्या है? पूर्व राजनयिक के तौर ऐसा मानता हूं कि कभी किसी पर विश्वास नहीं करना चाहिए. अब अफगानिस्तान को लेकर यह देखना है कि अपने कहे पर करता है या नहीं. रेड लाइन बनाना अच्छा है लेकिन अगर वह उसे लागू न करें तो उससे कोई फायदा नहीं होगा. अभी कोई देश रेड लाइन इनफोर्स करने के कैपेबल नहीं है.
तालिबान सत्ता में मुखौटा लगाकर आया
जबकि, मेजर जनरल रिटायर्ड के.के. सिन्हा का कहना है कि हैफोथेसिस कभी साबित नहीं होता है. अमेरिका ने मुल्ला बरार को 10 साल बाद जेल से छोड़ा और कहा कि दोहा में वार्ता शुरू करें. उन्होंने कहा कि कुछ भी नहीं बदला है. ये सत्ता में आने के लिए मुखौटा लगाकर आ रहे हैं. जिस वॉर एगेंस्ट टेररिज्म के लिए गए थे.
तो वहीं पाकिस्तानी पत्रकार उमर अल्ताफ ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि पाकिस्तान समझता है कि यह अफगानिस्तान का अंदरूनी मामला है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के खिलाफ पाकिस्तान ने भरपूर एक्शन लिया है. उसे पाकिस्तान के क्षेत्र इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा.
जबकि, सौरभ शुक्ला, एडिटर, न्यूज मोबाइल डॉट काम का मानना है कि तालिबान के कहनी और कथनी में फर्क हैं. उन्होंने कहा कि आज तालिबान को पहचान चाहिए. ये बड़े देशों से पहचान चाह रहे हैं. तालिबान बनावटी तस्वीर पेश कर रहा है क्योंकि उसे पता है कि ग्लोबल मीडिया देख रहा है. भारत को इस पर सजग रहना पड़ेगा. क्योंकि तालिबान पाकिस्तान और चीन के साथ मिलकर उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं.
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