Afghan Refugees: पाकिस्तान से बेदखल किए गए लाखों अफगानी शरणार्थियों की मदद के लिए आगे आया तालिबान, होम शेल्टर बनाने का किया ऐलान
Afghan Refugees: 2 लाख से ज्यादा अफगान शरणार्थी, जिनमें से अधिकांश तोरखम सीमावर्ती शहर के माध्यम से और अन्य क्रॉसिंग प्वाइंट्स के जरिए कथित तौर पर पिछले महीने में अपने वतन लौट आए हैं.
Afghan Refugees Returning Pak: काबुल (Kabul) में तालिबान (Taliban) शासन ने घोषणा की है कि वह पाकिस्तान से घर लौटने वाले हजारों अफगान शरणार्थियों के लिए होम शेल्टर बनाएगा, क्योंकि पाकिस्तान ने बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों को देश से बाहर भेजने के लिए चरणबद्ध प्रक्रिया तैयार की है.
चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एक स्थानीय मीडिया आउटलेट के हवाले से कहा कि कार्यवाहक शरणार्थी और प्रत्यावर्तन मंत्री खलील रहमान हक्कानी ने पाकिस्तान की बॉर्डर से लगे तोरखम क्रॉसिंग पॉइंट की अपनी हालिया यात्रा के दौरान होम शेल्टर को बनवाने निर्देश दिया. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ दिनों में 1,50,000 से अधिक अफगान शरणार्थी तोरखम के रास्ते पाकिस्तान से घर लौट आए हैं.
शरणार्थियों के लिए लंच और डिनर की तैयारी
2 लाख से ज्यादा अफगान शरणार्थी, जिनमें से अधिकांश तोरखम सीमावर्ती शहर के माध्यम से और कुछ स्पिन बोल्डक जैसे दूसरे क्रॉसिंग प्वाइंट्स के जरिए कथित तौर पर पिछले महीने में अपने वतन लौट आए हैं. तालिबान शासन के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि तोरखम में अधिकारी गुरुवार (3 नवंबर) को लौटने वालों के लिए 10,000 लंच और 30,000 डिनर की तैयारी कर रहे हैं.
पाकिस्तान ने मेजबान देश में दशकों तक रहने के बाद 1.7 मिलियन बिना दस्तावेज वाले अफगान शरणार्थियों को उनके देश अफगानिस्तान में वापस भेजने का फैसला किया, जबकि तालिबान शासन ने इस्लामाबाद से फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
اسلام آباد کې د افغانستان سرپرست سفیر، مولوي سردار احمد شکیب په مشرۍ د سفارت یو پلاوي د افغان کډوالو وضعیت د جاج اخیستو په موخه له تورخم څخه لیدنه وکړه. ښاغلي شکیب پاکستان اړخ ته بند پاتې افغانانو سره ولیدل او د هغوي ستونزې یې واورېدې. د تېرو ورځو په نسبت نن او پرون د خلکو
— Embassy of Afghanistan in Islamabad (@AfghanembassyI1) November 4, 2023
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पाकिस्तान छोड़ने की समय सीमा 1 नवंबर को खत्म
शरणार्थियों के लिए पाकिस्तान छोड़ने की समय सीमा 1 नवंबर को खत्म हो गई है. इस बीच, देश में अभी भी मौजूद सैकड़ों गैर-दस्तावेजी अफगान शरणार्थियों को पकड़ने के लिए पूरे पाकिस्तान में कार्रवाई चल रही है. पाकिस्तान ने अपने कठोर फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र, अधिकार समूहों और पश्चिमी देशों के आह्वान को नजरअंदाज कर दिया है और कहा है कि सुरक्षा चिंताओं के बीच वह वही कर रहा है जो उसे करना है.
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