तालिबान लगातार अफगानिस्तान पर अपनी क्रूरता का प्रदर्शन कर रहा है. लोगों के साथ जाति और हमलों के बाद अब तालिबान के शिक्षा मंत्री ने यूनिवर्सिटी में एक बयान जारी किया है जिसे सुनकर लोगों की परेशानी हद से ज्यादा बढ़ गई है. तालिबान के शिक्षा मंत्री ने बीते 20 साल की पढ़ाई को अमान्य करार दिया है.
तालिबान के शिक्षा मंत्री ने कहा कि, साल 2000 से 2020 तक ग्रेएजुएशन करने वाले स्टूडेंट्स किसी काम के नहीं है. उन्होंने कहा कि, साल 2000 से 2020 के बीच ग्रेएजुएशन करने वाले स्टूडेंट्स को नौकरी नहीं मिलेगी. मास्टर्स और पीएचडी धारक मदरसों में अध्ययन करने वाले स्टूडेंट्स की तुलना में कमतर हैं. मदरसों में तालीम हासिल करने वालों को नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी. इसके अलावा, आधुनिक शिक्षा की बजाय धार्मिक पढ़ाई पर जोर दिया जाएगा.
मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल है अब्दुल बाकी हक्कानी
बता दें, इस तालिबानी फरमान को अब्दुल बाकी हक्कानी ने सुनाया है. जो दुनिया की मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल है लेकिन कब्जे के बाद इसके नाम के आगे अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्री का टैग चस्पा हो चुका है.
इंजीनियर, डॉक्टर्स समेत कई लोगों का करियर अधर में लटका
मई 2013 की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में करीब 17,000 स्कूल हैं. 2013 में तब स्कूलों में करीब 1 करोड़ स्टूडेंट्स पढ़ाई करते थे. इनमें से लाखों स्टूडेंट्स इंजीनियर, डॉक्टर्स समेत अलग-अलग पेशे से जुड़े हैं. नए फरमान के बाद अलग-अलग पेशे से जुड़े अफगानियों का करियर अधर में लटक गया है.
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