जिस पाकिस्तान ने की मदद आज उसी की नाक में दम कर रहा तालिबान! लाल मस्जिद ऑपरेशन से शुरू हुई थी दुश्मनी
Taliban Establishment : तालिबान का गठन 1994 में अफगानिस्तान के कंधार में हुआ था. जिसे मजबूत बनाने में पाकिस्तान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
Pakistan-Taliban Conflict : 24 दिसंबर, 2024 (सोमवार) को अफगानिस्तान के पाक्तिका प्रांत में पाकिस्तानी वायुसेना ने एक बड़ा हवाई हमला किया. पाकिस्तान के इस हमले के निशाने पर तालिबान विद्रोहियों के लिए बनाया गया एक प्रशिक्षण केंद्र था. तालिबान के मुताबिक, पाकिस्तान के इस हमले में करीब 46 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल थे.
इस हमले के बाद तालिबान ने पाकिस्तान से बदला लेने की बात कही और महज चार दिन बाद ही पाकिस्तानी सीमा पर एक जवाबी हमले को अंजाम दिया. तालिबान ने दावा किया कि इस हमले में 19 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, वहीं, 3 अफगान नागरिकों की भी जान चली गई.
कैसे बना तालिबान और क्यों हुई पाकिस्तान से दुश्मनी?
तालिबान का गठन साल 1994 में अफगानिस्तान के कंधार में हुआ था. इसको संगठित और मजबूत बनाने में पाकिस्तान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. तालिबान को स्थापना के बाद से ही पाकिस्तान से महत्वपूर्ण समर्थन मिलने लगा. आईएसआई ने दशकों तक आर्थिक और सैन्य सहायता देकर तालिबान को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
1996 में पाकिस्तान, सऊदी अरब और यूएई ने तालिबान के इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान को एक वैध सरकार के रूप में मान्यता दी थी. अब सवाल है कि जो पाकिस्तान हमेशा तालिबान के साथ रहा आज वही तालिबान क्यों उसका दुश्मन बना हुआ है. क्यों अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में वो हमले कर रहा है.
लाल मस्जिद ऑपरेशन के बाद टूटे पाकिस्तान और तालिबान के रिश्ते
तालिबान के विरोध के बाद पाकिस्तान बार-बार तालिबान की स्थापना में अपनी भूमिका से इनकार करता रहा है. उल्लेखनीय है कि साल 2007 में पाकिस्तान में लाल मस्जिद ऑपरेशन से ही पाक और तालिबान के बीच जंग की असली शुरुआत हुई थी. इस्लामाबाद की लाल मस्जिद कट्टरपंथी इस्लामिक गतिविधियों के केंद्र में थी. यहीं से आतंकी संगठनों को समर्थन मिलता था.
2007 में लाल मस्जिद के छात्रों ने इस्लामाबाद के एक मसाज सेंटर पर हमला कर 9 लोगों को अगवा कर लिया था. इसके बाद 3 जुलाई 2007 को पाक सेना ने ऑपरेशन साइलेंस चलाया. इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा लोग मारे गए. इसके बाद पाकिस्तान में तहरीक-ए-पाकिस्तान (टीटीपी) का जन्म हुआ और पाकिस्तान में आतंकी हमलों की झड़ी लग गई.
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