Afghanistan Buddha: तालिबान (Taliban) ने साल 2001 में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण बामियान के बुद्धों को नष्ट कर दिया था. तालिबान अब उसी खाली जगहों को टूरिस्टो के लिए खोलकर पैसे कमाना चाहता है, क्योंकि तालिबान को पैसे की सख्त जरूरत है. हाल ही में एक इतालवी समाजशास्त्री और लेखक मास्सिमो इंट्रोविग्ने ने बिटर विंटर में अपने लेख में लिखा है. उन्होंने लिखा है कि कैसे वो एक शौकीन यात्री होने के बावजूद अफगानिस्तान जाने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.


लेखक मास्सिमो इंट्रोविग्ने नहीं चाहते कि तालिबान को उनके ओर से नष्ट किए गए जगहों से मदद मिल सके. उन्होंने कहा कि अफगान शासन को नकदी की सख्त जरूरत है. वह बामियान बुद्ध को नहीं दिखा सकता क्योंकि उसने उन्हें उड़ा दिया. लेकिन यह पर्यटकों से पैसे लेकर साइट को दिखाने की पेशकश कर रहा है.


तालिबान ने 2001 में विस्फोट कर उड़ा दिया
इतालवी लेखक मास्सिमो इंट्रोविग्ने के अनुसार  तालिबान ने 2001 में टैंक और बारूदी सुरंगों की मदद से विस्फोट करके छठी शताब्दी ई.पू. में बनी विशाल मूर्तियों को तोड़ दिया. अब जनता केवल उन खाली जगहों को देख सकती है जहां कभी बौद्ध मूर्तिकला की ये नायाब कलाकृतियां खड़ी थी.


तालिबान ने टूरिस्टों से पेशकश की है कि वो उन जगहों पर जाकर ध्यान भी लगा सकते हैं. हालांकि, ये सारी चीजें मुफ्त में नहीं होगी. इसके लिए टूरिस्टों को पैसे देने पड़ेंगे. ये सारी बातें लेखक मास्सिमो इंट्रोविग्ने ने बिटर विंटर को बताया है.


लेखक ने एडोल्फ हिटलर को लेकर कही बात
मास्सिमो इंट्रोविग्ने का कहना है कि वो नाजी पार्टी के नूर्नबर्ग प्रचार मुख्यालय और कंबोडिया में खमेर रूज सामूहिक कब्रों वाली जगहों को देखने के लिए पैसे देने को तैयार है. ये सारे पैसे एडोल्फ  हिटलर या पोल पॉट को नहीं, बल्कि  उसके बाद की वर्तमान सरकार को जाएगा. हालांकि, अफगानिस्तान के मामले में बौद्धों वाली जगहों को देखने वाला पैसा तालिबान को मिलेगा, जिन्होंने बामियान के बुद्धों को नष्ट करने में मदद की थी.


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